कोरोना संकट के मद्देनजर बिहार की नीतीश सरकार ने अब सूबे में मंत्रियों के दौरे पर भी रोक लगा दी है. इस संबंध में सूबे की सरकार की तरफ से चिट्ठी जारी की गई है. चिट्ठी में कहा गया है कि लॉकडाउन में मंत्रियों के घूमने से जनता पर इसका प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना है. ऐसे में मंत्री जरूरत पड़ने पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ही अपने निर्वाचन क्षेत्र या प्रभार के जिलों की समीक्षा करें.
सरकार के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार की तरफ से जारी पत्र में लिखा गया है कि पूरा बिहार कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के प्रभाव में है. संक्रमण को रोकने के लिए और सरकार के तरफ से कई आदेश लागू किए गए हैं, जिसमें लोगों और वाहनों पर भी कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं.
ऐसे में अगर मंत्रीगण द्वारा प्रतिबंधों के दौरान जिलों में दौरा किया जाएगा तो इससे आम जनता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है. ऐसे में मंत्रियों से अनुरोध है कि प्रतिबंध की अवधि के दौरान राज्य सरकार की तरफ से चलाई गई योजनाओं या फिर कोरोना महामारी की स्थिति के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र या अपने प्रभार के जिलों का दौरान ना करें. किसी भी प्रकार की समीक्षा की आवश्यकता होने पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के विकल्प की सलाह दी गई है.
बता दें कि बिहार में कोरोना वायरस के मामलों में कमी देखी गई है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक बिहार में रविवार को एक्टिव मरीजों की संख्या घटकर 40,691 हो गई. हालांकि कोरोना से मौत का सिलसिला जारी है. 24 घंटे में 107 लोगों की मौत हुई है. एक दिन में 1,32,590 सैंपल की जांच की गई है. यहां रिकवरी दर 93.44 फीसद हो गया है. कोरोना के चलते सूबे में अबतक 4,549 लोगों की मौत हुई है.