अमित शाह के बिहार दौरे से पहले बीजेपी और जेडीयू ने अपने-अपने नेताओं और प्रवक्ताओं से लोकसभा चुनाव में सीटों के बटवारे से जुड़े मसले पर किसी भी तरह की बयानबाजी नहीं करने को कहा है.
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह दो दिवसीय बिहार दौरे पर 12 जुलाई को पटना पहुंचने वाले हैं. इसी दिन अमित शाह की मुलाकात जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से होगी. सूत्रों के मुताबिक दोनों नेता साल 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सीटों के बंटवारे पर बातचीत कर सकते हैं.
इस दौरान बीजेपी और जेडीयू के नेताओं और प्रवक्ताओं पर लोकसभा चुनाव में सीटों के बटवारे से जुड़ा कोई भी बयान देने पर बैन लगा दिया है. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी और जेडीयू के बीच सीटों के तालमेल और राज्य में कौन बड़ा भाई है, इन सभी मुद्दों को लेकर पिछले एक महीने से जमकर बयानबाजी हो रही है.
एक तरफ जहां जेडीयू खुद को बड़ा भाई बताकर इस बात का ऐलान कर रही थी कि बिहार में लोकसभा चुनाव नीतीश कुमार के चेहरे को आगे रखकर लड़ा जाएगा, वहीं बीजेपी ने भी खुद को छोटा भाई मानने से इनकार कर दिया था. दोनों दलों की बयानबाजी के दौरान जेडीयू ने यहां तक कह दिया था कि साल 2009 के लोकसभा चुनाव के फॉर्मूले पर चलते हुए उन्हें 40 में से 25 सीट लड़ने के लिए मिलनी चाहिए. जेडीयू ने यह भी कहा था कि अगर बीजेपी नहीं मानती है, तो वह 40 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है.
गौरतलब है कि सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी यह बात स्पष्ट कर दिया था कि जेडीयू और बीजेपी के बीच में बड़ा भाई बनने की होड़ का कोई सवाल ही नहीं उठता है. नीतीश ने यह भी कहा था कि दोनों दलों के बीच सीटों के तालमेल को लेकर जो बयानबाजी हो रही थी, वह बेमतलब है और जब चुनाव की तारीख पास आएगी, तो दोनों दल के आला नेता बैठकर इस मुद्दे पर बातचीत करेंगे और मामले का निपटारा कर लेंगे.
नीतीश द्वारा अपने पार्टी प्रवक्ताओं को सख्त संदेश देने के बाद बीजेपी ने भी राहत की सांस ली है. साथ ही अपने प्रवक्ताओं को हिदायत दी कि वह सीटों के तालमेल के मुद्दे पर कोई भी बयानबाजी न करे.