जनलोकपाल पर केंद्र सरकार की टालमटोल की नीति से आजिज समाजसेवी अन्ना हजारे ने बुधवार को पटना में संगठित रूप से व्यवस्था परिवर्तन का अभियान चलाने के लिए एक मोर्चे का गठन करने का ऐलान किया.
केंद्र की नीयत साफ नहीं
महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर आयोजित जनतंत्र रैली में अन्ना हजारे ने कहा, ‘हम बीते दो साल से लड़ रहे हैं. लेकिन केंद्र की सरकार की नीयत साफ नहीं है. देश की जनता सरकार से कह रही है कि ‘जनलोकपाल लाओ, नहीं तो जाओ’. हम युवाओं और देश के लोगों को संगठित कर रहे हैं. एक नया मोर्चा गठित करेंगे.’
शुरू हो गई है आजादी की दूसरी लड़ाई
जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति के आंदोलन की धरती पर उन्होंने कहा कि देश में आजादी की दूसरी लड़ाई की शुरुआत हो गयी है. फरवरी माह में देश के चार राज्यों में सभाओं के आयोजन के बाद मार्च में देश भर में अभियान चलाया जायेगा. मुख्य तौर पर युवाओं को संबोधित करते हुए गांधीवादी नेता ने कहा, ‘देश भर में डेढ़ साल तक वह घूमेंगे. 120 करोड़ की जनता में से कम से कम छह करोड़ लोग तो जग जायेंगे. ये छह करोड़ लोग जग गये तो सरकार की नाक में दमकर देंगे.’
लोकपाल से लगेगा भ्रष्टाचार पर अंकुश
अन्ना हजारे ने कहा कि लोकपाल इसलिए जरूरी है, क्योंकि इसके आने से देश में व्याप्त 50 से 60 फीसदी भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा. इसके बाद चुनाव में योग्य उम्मीदवार नहीं मिलने पर खारिज करने के अधिकार, जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने के अधिकार, ग्रामसभाओं को मजबूत करने के अधिकार और सरकारी अधिकारियों द्वारा एक सप्ताह के भीतर फाइल निपटाने की जवाबेदही तय करने जैसे उपायों से भ्रष्टाचार मिटाना संभव होगा.
अन्ना भी करेंगे IT का उपयोग
हजारे ने व्यवस्था परिवर्तन के लिए लोगों को एकजुट करने के लिए सूचना का अधिकार कानून की लड़ाई लड़ने वाले अरविंद केजरीवाल की तरह सूचना प्रौद्योगिकी साधनों का अपनाने का ऐलान किया. उन्होंने कहा, ‘लोग वेबसाइट अन्ना हजारे डॉट ओआरजी पर हमसे संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा अपनी एकजुटता व्यक्त करने के लिए दो मोबाइल नंबर पर एसएमएस कर सकते हैं.’
हजारे ने युवाओं और अन्य लोगों से अपील की कि वे मोबाइल नंबर 9923599234 और 9650268680 पर एसएमएस करें. वह दो दिनों से लेकर आठ दिनों के भीतर संपर्क करेंगे. लगातार संपर्क बनाये रखेंगे. रैली में थल सेना के पूर्व अध्यक्ष वीके सिंह, पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी, एकता परिषद के अध्यक्ष पीवी राजगोपाल, विश्व सूफी परिषद के अध्यक्ष सैयद गिलानी, कर्नाटक के स्वामी वासव विजय महामृत्युंजय महास्वामी उपस्थिति थे.
'खुद को 50 वर्ष का महसूस कर रहा हूं'
युवाओं की भीड़ को संबोधित करते हुए अन्ना हजारे ने कहा, ‘मैं बड़ी संख्या में युवाओं को देखकर स्वयं को 50 वर्ष का महसूस कर रहा हूं. मुझे नहीं लग रहा है कि मैं 75 वर्ष का हूं.’ अपने 45 मिनट के भाषण में अन्ना हजारे ने व्यवस्था परिवर्तन करने की जरूरत, युवाओं की भागादारी, बिहार की धरती पर आने, आंदोलन की सफलता के मूलमंत्र, भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने अभियान के अनुभव के बारे में कई पहलुओं को छुआ.
अन्ना ने कहा, ‘26 वर्ष की उम्र में मैंने सबसे पहली प्रेरणा स्वामी विवेकानंद से पायी. इसके बाद महात्मा गांधी और जयप्रकाश नारायण ने प्रेरित किया. सबसे अधिक मुझे युवाओं ने प्रेरित किया है.’ गांधीवादी नेता ने कहा कि संविधान के अनुसार, जनता मालिक है, लेकिन परिस्थितियां ऐसी उत्पन्न हो गयी है कि निर्वाचित प्रतिनिधि मनमानी कर रहे हैं. जिस दिन जनता को अपनी ताकत का एहसास हो जाएगा, सरकार डरने लगेगी और लोकपाल कानून जरूर पारित हो जाएगा.
सरकार लोकपाल कानून लाने से डरती है
उन्होंने दावा किया, ‘लोकपाल कानून लाने से सरकार इसलिए डरती है, क्योंकि लोकपाल कानून लागू हुआ तो सबसे पहले केंद्र सरकार के 15 मंत्री जेल में चले जायेंगे.’ रालेगण के आधुनिक गांधी के नाम से मशहूर अन्ना ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने अनुभव सुनाते हुए युवाओं से चरित्र निष्कलंक और बेदाग रखने की अपील की.
उन्होंने कहा, ‘मैं गुंडों से आज इसलिए लड़ पा रहा हूं, क्योंकि मैंने 75 वर्ष की आयु में भी अपना जीवन बेदाग रखा. युवाओं को स्वच्छ रहने के लिए बेदाग रहना जरूरी है. नहीं तो भ्रष्ट अधिकारी आपको रगड़ देंगे. मैंने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने आंदोलन में महाराष्ट्र के छह मंत्रियों का विकेट लिया (जेल भिजवाया) और 400 भ्रष्ट अधिकारियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया.’