scorecardresearch
 

क्या अररिया में चलेगा बीजेपी का 'ISIS कार्ड'?

बीजेपी नेता नित्यानंद राय ने कहा था कि अररिया सीट पर अगर आरजेडी का उम्मीदवार जीता तो यह इलाका आतंकवादी संगठन ISIS के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन जाएगा.

Advertisement
X
अररिया लोकसभा सीट पर हुई थी 57 फीसदी वोटिंग
अररिया लोकसभा सीट पर हुई थी 57 फीसदी वोटिंग

Advertisement

बिहार की एक लोकसभा और दो विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आज आ रहे हैं. राज्य में महागठबंधन टूटने के बाद ये मुख्य रूप से जेडीयू और आरजेडी की पहली चुनावी परीक्षा है. खासकर भ्रष्टाचार के आरोप में पिता लालू प्रसाद यादव के जेल जाने के बाद तेजस्वी यादव के लिए ये लड़ाई बेहद अहम मानी जा रही है. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने भी साख का सवाल है.

राष्ट्रीय राजनीति के लिहाज से अररिया लोकसभा सीट बेहद अहम मानी जा रही है. ये सीट इस मायने में भी दिलचस्प है क्योंकि यहां से लालू यादव की आरजेडी और भारतीय जनता पार्टी के बीच सीधा मुकाबला है. आरजेडी के टिकट पर सरफराज आलम ने चुनाव लड़ा है, वहीं बीजेपी की तरफ से प्रदीप कुमार सिंह की किस्मत दांव पर है.

Advertisement

सरफराज आलम मोहम्मद तस्लीमुद्दीन के बेटे हैं. वो आरजेडी से सांसद थे और उनकी मौत के बाद ही यहां उपचुनाव हुए हैं. 11 मार्च को हुए मतदान से ठीक एक दिन पहले बिहार बीजेपी के अध्यक्ष नित्यानंद राय ने विवादित बयान देकर चुनाव को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की थी.

नित्यानंद राय ने कहा था कि अररिया सीट पर अगर आरजेडी का उम्मीदवार जीता तो यह इलाका आतंकवादी संगठन आईएसआईएस (ISIS) के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन जाएगा. इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा था कि बीजेपी उम्मीदवार प्रदीप सिंह को जीत मिलती है तो क्षेत्र में देशभक्ति की भावना बढ़ेगी.

राय के इस बयान के बाद काफी विवाद हुआ था. आरजेडी ने इसे घृणा पैदा करने वाला करार दिया था. वहीं, उनके खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई गई थी. ऐसे में अब देखना ये होगा कि क्या जेडीयू छोड़कर आरजेडी में आए सरफराज आलम अपने पिता की सीट बचाने में कामयाब रहेंगे? या फिर बीजेपी का आईएसआईएस कार्ड रंग लाएगा?

Advertisement
Advertisement