भागलपुर में दंगे भड़काने के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत चौबे पहली बार मीडिया के सामने आए. उन्होंने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा कि वे गिरफ्तारी वारंट के खिलाफ अग्रिम जमानत याचिका दायर करेंगे.
उन्होंने कहा कि, " मैं सरेंडर नहीं करूंगा. सरेंडर करने जैसी कोई बात नहीं है. जांच में पुलिस का भी सहयोग करूंगा. मुझे देश की न्याय व्यवस्था पर भरोसा है. लोग कह रहे हैं कि मैं गिरफ्तारी से बचने के लिए छिप रहा हूं, लेकिन ऐसा नहीं है. मैं घर पर ही हूं."
दंगा भड़काने का आरोप गलत...
अर्जित शाश्वत चौबे ने आगे कहा कि, " एफआईआर में यह बात कहीं भी नहीं लिखी हुई है कि मैंने दंगा भड़काया. लाउड स्पीकर एक्ट के तहत मामला दर्ज है. रिपोर्ट में केवल यह लिखा गया है कि हमने बिना अनुमति के रैली निकाली. रही बात भावनाओं को आहत करने की तो हम केवल भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगा रहे थे.
क्या है आरोप
अर्जित शाश्वत पर आरोप है कि उन्होंने प्रशासन की इजाजत के बिना पिछले रविवार को शोभा यात्रा निकाली और भड़काऊ भाषण दिए. इसकी वजह से भागलपुर के नाथनगर में सांप्रदायिक तनाव बन गया था. हालांकि, अर्जित की तरफ से कहा गया कि उन्होंने शोभा यात्रा निकालने की जानकारी प्रशासन को दी थी, लेकिन प्रशासन उस पर मौन रहा. प्रशासन ने इजाजत भी नहीं दी और न ही मना किया.
बचाव में पिता...
उधर, केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे भी अपने बेटे के बचाव में उतर आए हैं. चौबे से भागलपुर जिला प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है.
विपक्ष लागातर अर्जित की गिरफ्तारी की मांग कर रहा है. पिछले हफ्ते दो दिनों तक इस मामले को लेकर विधानसभा में हंगामा होता रहा. प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर इस मामले में नरमी बरतने का आरोप लगाया था.
500 अज्ञात लोगों पर भी है एफआईआर...
भागलपुर कोर्ट से अर्जित समेत 9 लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद पुलिस अर्जित की तलाश कर रही है. इस मामले में पुलिस ने 500 अज्ञात लोगों पर भी मामला दर्ज किया है. भागलपुर के डीआईजी विकास वैभव ने कहा कि अर्जित को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा और कानून अपना काम करेगा.