लोकसभा चुनाव में अभी कई महीने बाकी हैं लेकिन उससे पहले ही बिहार में राजनीतिक मर्यादाएं तार-तार हो रही हैं. बीजेपी और जेडीयू के नेता एक दूसरे पर आरोप लगाने में इतने आगे जा चुके हैं कि बयानों और गाली में अंतर करना मुश्किल होता जा रहा है.
जेडीयू के दिग्गज नेता मोदी को 'आतंकी' करार देने में जरा भी हिचक महसूस नहीं करते तो बीजेपी नेता जेडीयू और इंडियन मुजाहीदीन को एक ही थाली का चट्टा-बट्टा बता रहे है.
जरा नेताओं के शब्दों पर गौर करिए अंदाजा हो जाएगा कि बिहार में राजनीतिक बौखलाहट कहा पहुंच गई है. बिहार के कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह ने नरेन्द्र मोदी को सबसे बड़ा 'आतंकी' और 'खूनी' करार दिया तो बीजेपी के गिरिराज सिंह ने अहमदाबाद में कहा कि 'नीतीश कुमार ने नरेन्द्र मोदी को मरवाने के लिए इंडियन मुजाहिद्दीन को सेट किया था.'
यही नहीं सोमवार को बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अश्विनी चौबे ने तो नीतीश को नर्क में जाने और अगले जन्म में कीड़ा बनकर जन्म लेने का श्राप दे दिया.
ये दोनो दल जब गाली गलौज पर उतरे तो भला आरजेडी कहां पीछे रहती. राबड़ी देवी ने नरेन्द्र मोदी को 'रावण' तो नीतीश को 'कंस' करार दे डाला.
बीजेपी ने जब से मोदी की रैली में हुए ब्लास्ट के लिए जब से नीतीश के सिर ठीकरा फोड़ा है. इंडियन मुजाहिद्दीन के साथ जेडीयू के संबंधों को जोड़ना शुरू किया है तभी से जेडीयू ने भी नरेन्द्र मोदी के लिए आंतकी, दंगाई, बलवाई और हत्यारा जैसे शब्दों का प्रयोग खुलकर करना शुरू कर दिया है. नीतीश कुमार ने भी हाल में ये कहकर सबको चौंका दिया था कि 'आतंकियों ने बीजेपी रैली को सफल बनाया था.'
दरअसल यही बीजेपी जब नीतीश के साथ सत्ता में थी तो सब ठीक था, लेकिन सत्ता से बाहर आते ही उन्हें श्राप देने तक पर उतर आई है. वही हाल जेडीयू का है जो कल तक साथ थे तो उन्हें बीजेपी के लोग साधु दिखते थे लेकिन आज आतंकी नजर आने लगे हैं.