बिहार में जोकीहाट विधानसभा उपचुनाव मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के लिए नाक की लड़ाई थी, लेकिन प्रतिष्ठा की इस जंग में उन्हें राज्य के सबसे बड़े विपक्षी नेता के रूप में तेजी से पहचान बनाने वाले तेजस्वी यादव के हाथों हार का सामना करना पड़ा.
जोकीहाट विधानसभा उपचुनाव में 24 दौर तक चली मतगणना के बाद आरजेडी उम्मीदवार शहनवाज आलम ने 41 हजार से ज्यादा मतों के अंतर के साथ जीत अपने नाम कर ली. आरजेडी पहली बार यहां से विजयी हुई है. शाहनवाज ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी जेडीयू के मुर्शीद आलम को 41,224 मतों के अंतर से हराया. शाहनवाज को 81,240 जबकि मुर्शीद को 40,016 वोट मिले.
शुरआत में दिखी कड़ी टक्कर
सुबह 8 बजे बजे मतगणना शुरू होने के बाद कुछ देर तक जेडीयू उम्मीदवार मुर्शीद आलम शुरुआती रुझानों में आगे चल रहे थे, लेकिन छठे राउंड के मतगणना के बाद ही बाजी पलटती दिखी और इसके बाद से ही आरजेडी उम्मीदवार शाहनवाज आलम लगातार अपनी बढ़त बनाए रखी.आज तक से खास बातचीत करते हुए आरजेडी उम्मीदवार शाहनवाज आलम ने कहा कि नीतीश कुमार और उनकी सरकार ने जोकीहाट में 1 महीने से भी ज्यादा वक्त तक कैंप किया और चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश भी की इसके बावजूद भी वह अपने मंसूबे में सफल नहीं हो सकी.
लगातार 4 जीत के बाद हार
शहनवाज आलम ने कहा कि राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह तथा बिहार सरकार के कई मंत्री लगातार जोकीहाट में चुनावों से पहले बने हुए थे लेकिन इसका कोई फायदा उन्हें नहीं मिला. शाहनवाज ने कहा कि लाखों रुपये खर्च करने और प्रशासनिक अमले का पूरा इस्तेमाल करने के बाद भी जेडीयू को हार का मुंह देखना पड़ा है.जोकीहाट विधानसभा उपचुनाव में जेडीयू की हार नीतीश कुमार के लिए बड़ा झटका है. 2005 में मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू लगातार चार बार जोकीहाट विधानसभा चुनाव जीतती रही है, लेकिन इस बार उसे मुंह की खानी पड़ी है.
तेजस्वी बने बड़े नेता
जोकीहाट विधानसभा उपचुनाव नीतीश के लिए कहीं ना कहीं नाक का सवाल बन गया था लेकिन आरजेडी ने नीतीश के सभी मंसूबों पर पानी फेर दिया है. चुनाव से पहले ही जोकीहाट की लड़ाई जेडीयू बनाम आरजेडी नहीं बल्कि नीतीश कुमार बनाम आरजेडी नेता तेजस्वी यादव हो गई थी. आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की अनुपस्थिति में तेजस्वी यादव जोकीहाट में पार्टी का मोर्चा संभाल रखा था और अंततः फतह हासिल की.जोकीहाट में जेडीयू की चुनावी हार से यह बात भी अब साबित हो गई है कि नीतीश कुमार का पिछले साल महागठबंधन छोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बनाने का फैसला मुस्लिम मतदाताओं को पसंद नहीं आया है जिसका खामियाजा पार्टी को 2 महीने पहले अररिया लोकसभा उपचुनाव में भी देखने को मिला जहां जेडीयू को करारी हार का सामना करना पड़ा था और आरजेडी उम्मीदवार सरफराज आलम की जीत हुई थी.
वहीं जोकीहाट में मिली चुनावी जीत आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के लिए बड़ी उपलब्धि है. तेजस्वी ने यह साबित कर दिया है कि अपने पिता की गैरमौजूदगी में भी उन्होंने पहले हरैया लोकसभा उपचुनाव पार्टी को जिताया और अब जोकीहाट विधानसभा उपचुनाव में भी पार्टी को जीत दिलवाई है.