बिहार में एक मदरसे में लड़कियों के एडमिशन पर रोक लगा दी गई है. साथ ही, यहां पहले से पढ़ रही लड़कियों के मदरसे में प्रवेश पर पाबंदी लगाने का फरमान जारी किया गया है. मदरसे की तरफ से इस पाबंदी के लिए धर्म का हवाला दिया गया है.
घटना बिहारशरीफ स्थित अजीजिया मदरसे की है, जिसे सरकारी मदद मिलती है. मदरसे के सचिव एसएम शरफ का कहना है कि लड़के-लड़कियों का एक साथ पढ़ना और लड़कियों को पुरुष शिक्षक द्वारा पढ़ाया जाना मजहब के खिलाफ और हराम है.
सचिव का कहना है कि मदरसे में मजहब से संबंधित शिक्षा दी जाती है. उन्होंने कहा, 'पहले यहां अवैध तरीके से जो मुतवल्ली बने, उन्होंने लड़कियों और लड़कों की एक साथ पढ़ाई शुरू कराई थी. अब जब तक पढ़ाई की अलग व्यवस्था और महिला शिक्षक की बहाली नहीं हो जाती, तब तक लड़कियों के एडमिशन पर रोक रहेगी.'
इस मदरसे का संचालन सोगरा वक्फ स्टेट कमेटी करती है. हालांकि, कमेटी के अध्यक्ष का कहना है कि उन्हें इस तरह के फरमान की जानकारी नहीं है. वहीं, मदरसे के इस फैसले के खिलाफ लड़कियों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया है. लड़कियों का एडमिशन नहीं करने का फरमान जारी होने के बाद सैकड़ों लड़कियों का भविष्य अधर में है.
अध्यक्ष ने किया जानकारी से इनकार सोगरा वक्फ कमेटी के अध्यक्ष डीएम होते हैं. मौजूदा डीएम बी. कार्तिकेय ने कहा कि उन्हें ऐसे किसी फरमान की जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी.