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कोरोना की दूसरी लहर के बीच हर ओर त्राहिमाम मचा है. ऐसे में मरीजों की सारी उम्मीदें डॉक्टरों से ही हैं. बिहार के बेगूसराय से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां एक डॉक्टर ने मरीज़ की जान बचाने के लिए तत्परता दिखाई और अस्पताल लाते ही उसका इलाज शुरू कर दिया. इसके लिए किसी स्ट्रेचर या अन्य व्यवस्था का इंतजार नहीं किया.
दरअसल, बेगूसराय सदर अस्पताल में एक मरीज को जब लाया गया तब उसकी हालात काफी खराब थी. ऐसे में डॉक्टर ने स्ट्रेचर आने का इंतज़ार नहीं किया, मरीज़ को वहां ही फर्श पर लेटाया और उसका इलाज शुरू कर दिया. हालांकि, अंत में डॉक्टर उस मरीज़ को बचाने में सफल नहीं हो सके.
इस घटना की तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है, जिसको लेकर लोग अलग-अलग तरह के कयास लगा रहे हैं.
बेगूसराय के भगवानपुर थाना क्षेत्र के मानोपुर गांव के निवासी विष्णु देव पासवान को कोरोना के गंभीर लक्षण और स्थिति नाजुक होने पर सदर अस्पताल लाया गया. अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों ने इलाज में कहीं देरी ना हो जाए इसलिए स्ट्रेचर का इंतजार किए बिना ही इलाज शुरू कर दिया.
मरीज को सबसे पहले वाहन से उतारा गया, सीधे फर्श पर लेटाया गया और ऑक्सीजन लगाकर पंपिंग कर उसकी जान बचाने का भरपूर प्रयास किया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. डॉक्टरों ने अपनी ओर से भरपूर कोशिश की. लेकिन उनकी ये कोशिश सफल नहीं हुई.
हालांकि, मरीज के अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने जिस तरह की तत्परता दिखाई उससे परिजन संतुष्ट दिखे. वरना अमूमन देखा जाता है कि सरकारी अस्पताल में मरीज की मौत के बाद परिजन हंगामा और लापरवाही का आरोप लगाते हैं.
गौरतलब है कि बिहार में इस वक्त कोरोना का संक्रमण काफी तेज़ी से फैल रहा है. यही कारण है कि बिहार में 15 मई तक पाबंदियां लगा दी गई हैं, हर दिन नए मामलों की संख्या बढ़ रही है और स्वास्थ्य व्यवस्था जवाब दे रही है.