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बिहार का 'भूतिया अस्पताल', जहां डॉक्टर और मरीजों को सताता है मौत का खौफ

भागलपुर स्मार्ट सिटी में हबीबपुर के अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर हमेशा डरे सहमे रहते हैं और इलाज कराने आया मरीज भी. क्योंकि यहां भवन इस कदर जर्जर हो गया है यह कभी भी गिर सकता है. स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों, क्लर्क और इलाज के लिए आने वाले ग्रामीणों का कहना है वे कई दफे सांप-बिच्छू के डसने से भी बचे हैं.

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कभी भी ढह सकता है स्वास्थ्य केंद्र.
कभी भी ढह सकता है स्वास्थ्य केंद्र.

अगर आप बिहार में भागलपुर स्मार्ट सिटी स्थित हबीबपुर के अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र इलाज के लिए आ रहे हैं तो ऐसी भूल बिल्कुल भी न करें. क्योंकि इस स्वास्थ्य केंद्र की हालत इस कदर जर्जर हो गई है कि यह एक जीता जागता भूत बंगला बन गया है. यहां, सांप-बिच्छू स्वास्थ्य केंद्र के अंदर ही घूमते रहते हैं. वहीं, पूरा भवन जंगल में तब्दील हो चुका है. यहां डॉक्टर डरे सहमे रहते हैं और इलाज कराने आया मरीज भी.

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पूरे भवन में मकड़ियों का जाला और दीमक लगी हुई है. छत की स्थिति ऐसी है कि कभी भी ऊपर की छत जमीन पर आ गिर सकती है. गेट और खिड़की में दीमक लगी हुई है. नाले और बारिश के पानी से जलजमाव की स्थिति महीनों बनी रहती है. मरीजों का यहां इलाज करवाने आना तो दूर, वे यहां आने की सोचते भी नहीं. बिहार सरकार की पोल खोलती स्मार्ट सिटी का स्वास्थ्य केंद्र सब कुछ बयां कर रहा है.

स्वास्थ्य केंद्र पर लाखों रुपये हर महीने होते हैं खर्च
जानकारी के मुताबिक, इस स्वास्थ्य केंद्र पर लाखों लाख रुपये हर महीने खर्च होते हैं. कई अधिकारी, डॉक्टर और कार्यालय कर्मी यहां अपॉइंट किए गए हैं, लेकिन स्थिति बद से बदतर है.

यहां के डॉक्टर अधिकारी और कर्मी भी आने से डरते हैं. उनका साफ तौर पर कहना है कि स्वास्थ्य केंद्र में बारिश और नाले का पानी जमा रहता है. जिसके चलते काफी दुर्गंध रहती है. बैठने की कोई व्यवस्था नहीं रहती.

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टूट-टूट कर गिरती रहती चट्टान 
यहां पर सांप बिच्छू जैसे कई जानवर निकलते रहते हैं. जिसके वजह से डर बना रहता है. आए दिन टूट-टूट कर भवन की छत की चट्टान गिरती रहती हैं. वहीं, कई बार छत के छज्जे के गिरने के कारण कई स्वास्थ्य कर्मी और मरीज घायल भी हो चुके हैं.

स्वास्थ्य केंद्र को तोड़कर बनाना ही एकमात्र विकल्प
स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों, क्लर्क और इलाज के लिए आने वाले ग्रामीणों का कहना है वे कई दफे सांप के डसने से बचे हैं. ऐसा लगता है कि यह स्वास्थ्य केंद्र कभी भी ढह सकता है. यहां महीनों महीने नाले का पानी अस्पताल में जमा रहता है. इसे तोड़कर बनाना ही एकमात्र विकल्प है.

(भागलपुर से निभाष मोदी की रिपोर्ट)

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