अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम 1989 को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ हुए भारत बंद के मामले पर पटना हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है. कोर्ट ने पटना के एसएसपी मनु महाराज को तलब किया और कहा कि बंद के मामले में पुलिस ने क्या कार्रवाई की. कोर्ट की नाराजगी के बाद एसएसपी ने 26 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है.
भारत बंद के दौरान पटना की ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई. कई जगहों पर आगजनी और हिंसा भी हुई. न्यायमूर्ति राकेश कुमार और अरविंद श्रीवास्तव की खंडपीठ ने कहा कि केवल छोटे लोगों पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए बल्कि उन लोगों पर कार्रवाई हो, जो इनके पीछे रहकर इन्हें उकसा रहे हैं.
पटना के डाक बंगला चौराहे को विभिन्न राजनैतिक संगठनों ने बिलकुल ठप कर दिया. इस बंद का बिहार में आरजेडी, कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टियों सहित तमाम विपक्षी दलों ने समर्थन किया था. पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह, पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी और सांसद पप्पु यादव ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे दलितों की सुरक्षा के लिए संघर्ष करते रहेंगे.
बिहार के विभिन्न शहरों से हिंसा की खबरें भी आईं. बताया जा रहा है कि हाजीपुर में बंद समर्थकों ने कोचिंग संस्थान को निशाना बनाया जिसमें दोनों पक्षों में जमकर पत्थरबाजी और आगजनी हुई. इस घटना में दर्जनों लोग घायल हुए. बेतिया में बीजेपी सांसद संजय जायसवाल के पेट्रोल पंप और पूर्व विधायक रेणु देवी के घर पर हमला किया गया. बता दें कि रेणु देवी दलित हैं.
कई जगहों पर दलित संगठनों के कार्यकर्ताओं और आम लोगों के बीच झड़प की खबर है. सहरसा में बाजार बंद कराने को लेकर बंद समर्थक और दुकानदारों के बीच मारपीट हुई. तीन लोग उसमें घायल हो गए. कई जगहों पर भीड़ को तीतर-बीतर करने के लिए पुलिस को लाठी चलानी पड़ी. बांका में दुकानों में लूटपाट की खबरे हैं. शिवहार में बंद समर्थक समाहारणालय में घुस कर आगजनी की. रोहतास के डीएम को सासाराम में बंद समर्थकों का आक्रोश झेलना पड़ा. उन्हें आगे नहीं जाने दिया गया.