भारत बंद के दौरान बिहार में हो रही हिंसा को लेकर आरजेडी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. राज्यसभा से आरजेडी के सांसद मनोज झा ने कहा कि बिहार में असल में कोई सरकार है ही नहीं. वहां सिर्फ एक कठपुतली मुख्यमंत्री बैठे हैं. संघ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिलकर उन्हें अपने हिसाब से नचा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि सवर्णों के भारत बंद में जो लोग सड़कों पर आकर हिंसा कर रहे हैं उन्हें पर्दे के पीछे से BJP, संघ और जेडीयू के लोग मिलकर भड़का रहे हैं. जो लोग आर्थिक आधार पर आरक्षण की बात कर रहे हैं लगता है उन्होंने संविधान पढ़ा तक नहीं है. उन्होंने कहा कि आरक्षण जातीय विषमताओं को मिटाने वाले व्यवस्था थी ना कि कोई गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम, जिसे आर्थिक आधार पर लागू किया जाए.
मनोज झा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान के बारे में पूछा गया जिसमें उन्होंने कहा था कि दलितों का और अंबेडकर का जितना सम्मान बीजेपी ने किया है उतना किसी ने नहीं किया. इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा बोलते समय पीएम मोदी लगता है कि अंबेडकर की मूर्ति को भगवा करने की घटना से लेकर दलितों के खिलाफ हिंसा और रोहित वेमुला जैसे लोगों के मामले भूल जाते हैं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और बीजेपी अंबेडकर की बात करते जरूर हैं लेकिन उनके क्रिया-कलाप और मानसिकता दलित विरोधी हैं.
दलित कानून को कमजोर करने में लगी मोदी सरकार
मनोज झा ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार दलित कानून को कमजोर करने में लगी है. क्योंकि वह इसे पीड़ितों के नजरिए से नहीं देख रही है. उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ तुरंत ही पुनर्विचार याचिका दाखिल की होती तो दलितों का गुस्सा नहीं भड़कता और टकराव की स्थिति नहीं आती.