भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न के लिए चयन करने को चुनौती देते हुए बिहार की एक अदालत में मंगलवार को याचिका दायर की गई.
मुजफ्फरपुर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एस़ पी़ सिंह की अदालत में अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने परिवाद पत्र दाखिल करते हुए आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के इस फैसले से लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं.
पत्र में कहा गया है कि देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान के लिए हॉकी के जादूगर ध्यानचंद का चयन नहीं कर सचिन का चयन किए जाने से जनता की भावनाएं आहत हुई हैं. ओझा ने कहा कि प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, केन्द्रीय खेल मंत्री जितेन्द्र सिंह, केन्द्रीय खेल मंत्रालय के सचिव ने सचिन का नाम शामिल करने के लिए ध्यानचंद का नाम हटा दिया, जिससे लाखों लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं.