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भीमा कोरेगांव जातीय हिंसा में प्रभावित दलित परिवारों से मिलने मांझी जाएंगे महाराष्ट्र

दलित और मराठा समुदाय के बीच भड़की जातीय हिंसा पर बोलते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि 200 वर्षों से चली आ रही परंपरा, जहां दलित समुदाय 200 साल पहले अंग्रेजो के साथ हुए कोरेगांव युद्ध का जश्न मनाते चले आ रहा है, को मनाने में आज तक कोई दिक्कत नहीं आई.

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जीतन राम मांझी
जीतन राम मांझी

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1 जनवरी को महाराष्ट्र के पुणे के पास भीमा-कोरेगांव में दलित समाज द्वारा  आयोजित शौर्य दिवस समारोह के दौरान भड़की जातीय हिंसा की घटना को पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और इसकी कड़ी निंदा की है.

दलित और मराठा समुदाय के बीच भड़की जातीय हिंसा पर बोलते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि 200 वर्षों से चली आ रही परंपरा, जहां दलित समुदाय 200 साल पहले अंग्रेजो के साथ हुए कोरेगांव युद्ध का जश्न मनाते चले आ रहा है, को मनाने में आज तक कोई दिक्कत नहीं आई. मांझी ने कहा कि जब भी किसी दलित के साथ इस प्रकार की घटना होती है तो उन्हें सबसे ज्यादा पीड़ा महसूस होती है. मांझी ने कहा कि वह देश के उन सभी दलितों के साथ खड़े हैं जो इस तरीके की घटना का शिकार होते हैं.

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जीतन राम मांझी ने महाराष्ट्र के देवेंद्र फडणवीस सरकार से मांग की कि इस जातीय हिंसा के दौरान दलित परिवारों के मृतक के परिजनों को कम से कम एक-एक करोड़ रुपये की आर्थिक मुआवजा दी जानी चाहिए.

जीतन राम मांझी ने यह भी कहा कि वह बहुत जल्द इस घटना के साथ हो जाने के बाद महाराष्ट्र जाएंगे और वहां पर दलितों के साथ हुए इस हिंसक घटना के बाद पैदा हुए हालात का जायजा लेंगे.  मांझी ने कहा कि महाराष्ट्र दौरे के दौरान वह घटनास्थल पर भी जाएंगे जहां पर हिंसा हुई थी और पीड़ित परिवारों से भी मिलेंगे.

इस दौरान मांझी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से भी मुलाकात करेंगे और उनसे इस पूरी घटना को लेकर बात करेंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो.

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