scorecardresearch
 

चारा घोटाला के एक और मामले में लालू पर शिकंजा, चलेगा मुकदमा

चारा घोटाला मामले में लालू यादव की मुश्किलें अब और बढ़ गई हैं. सुप्रीम कोर्ट ने देवघर कोषागार मामले में सीबीआई की अपील को मंज़ूर कर लिया है. सीबीआई ने झारखंड हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील की थी.

Advertisement
X
फाइल फोटो
फाइल फोटो

Advertisement

चारा घोटाला मामले में लालू यादव की मुश्किलें अब और बढ़ गई हैं. सुप्रीम कोर्ट ने देवघर कोषागार मामले में सीबीआई की अपील को मंज़ूर कर लिया है. सीबीआई ने झारखंड हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील की थी.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मतलब ये है की अब देवघर मामले में भी लालू यादव के खिलाफ अलग से आईपीसी की धारा 120-बी यानी आपराधिक साजिश, 409- अमानत में खयानत, 420-धोखाधड़ी,467- जालसाज़ी,468- धोखाधड़ी के लिए जालसाज़ी और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13(1)सी डी और 13(2)जैसी गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा चलेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में झारखंड हाई कोर्ट के फैसले की आलोचना भी की है.

झारखंड हाई कोर्ट ने 2014 में लालू यादव को राहत देते हुए ये गंभीर धाराएं हटा दीं थीं. सीआरपीसी की धारा 300 को आधार मान कर हाई कोर्ट ने ये आदेश दिया था. झारखंड हाई कोर्ट ने ये कहते हुए ये धाराएं हटा दी थीं कि लालू के खिलाफ चारा घोटाले के दूसरे मामले में इन्हीं धाराओं के तहत मुकदमा चल चुका है लिहाजा दोबारा इन्ही धाराओं के तहत मुकदमा नहीं चल सकता है.

Advertisement

सीबीआई का ये कहना था कि दोनों मामले अलग-अलग हैं. दोनों मामलों में अलग साज़िश रची गयी, अलग कोषागार से साज़िश करके पैसे निकाले गए इसलिए दोनों मामले अलग-अलग चलने चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस अमितवा रॉय की बेंच ने फैसला सुनाते हुए निचली अदालत को निर्देश दिया कि मामले की सुनवाई 9 महीने में पूरी करें.

बेंच ने सीबीआई को आड़े हातों लेते हुए कहा कि इस मामले में सीबीआई ने देर से अपील क्यों दायर की? कोर्ट ने सीबीआई निदेशक को निर्देश दिया कि आगे से ऐसी लापरवाही न हो.

Advertisement
Advertisement