बिहार में मॉब लिंचिंग की घटनाएं थम नहीं रही हैं. मंगलवार को सीतामढ़ी के रीगा में बच्चा चोरी के आरोप में एक युवक की भीड़ ने बुरी तरह पिटाई कर दी. बाद में पुलिस ने किसी तरह से उस युवक को भीड़ से बचाया. सीतामढ़ी के रीगा में हाल के दिनों में यह तीसरी घटना है. लेकिन पूरे बिहार में जुलाई से अबतक मॉब लिचिंग की 39 घटनाएं हुई हैं, जिसमें 14 लोगों को भीड़ ने मार डाला और 45 घायल हुए.
बिहार पुलिस बच्चा चोरी के अफवाह के नाम पर हो रही हिंसा पर लगाम लगाने के लिए तरह-तरह के जागरूकता अभियान चला रही है, लेकिन मॉब लिंचिंग रुकने का नाम नहीं ले रही है. हालांकि अब पुलिस ने चेतावनी देते हुए कहा है कि भीड़ हिंसा के नाम पर लोग कानून को अपने हाथ में न लें.
एडीजी मुख्यालय जितेंद्र कुमार ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जो लोग ये समझ रहे हैं कि भीड़ की आड़ में हिंसा करके वो बच जाएंगे तो ऐसा कतई नहीं सोचे. उन्होंने बताया कि इन घटनाओं में अब तक 278 लोगों की गिरफ्तारी हुई है और 4 हजार से ज्यादा अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज किया गया है.
अपराध अनुसंधान के एडीजी विनय कुमार ने कहा कि सभी केस की जांच पुलिस मुख्यालय की निगरानी में कराया जा रहा है. आरोपी किसी भी सूरत में बच नही पाएंगे. पटना के रूपसपुर थाने क्षेत्र में हुई मॉब लिंचिंग के लिए जिम्मेदार 29 लोगों को सजा भी मिल गई है. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं के बारे में पुलिस को सूचना दें.
बिहार में पिछले जुलाई से बच्चा चोरी के नाम पर मॉब लिंचिंग लगातार हो रही हैं. यहां तक अपने बच्चे को ले जा रहे लोगों को भी बच्चा चोर बताकर उसके साथ हिंसा की जा रही है. समस्तीपुर में दो इंजीनियर जब रेलवे ट्रैक पर पेट्रोलिंग कर रहे थे, उन्हें भी बच्चा चोर समझकर भीड़ ने हमला कर दिया.