बिहार में सरकारी स्कीम के तहत टॉयलेट बनवाने के लिए 40 लाख लोगों ने सरकार से ही धोखाधड़ी कर दी. आवेदकों ने एक बार राशि लेने के बाद दूसरी बार भी 12 हजार रुपये के लिए आवेदन कर दिया. बिहार विधानसभा की कार्यवाही के दौरान बुधवार को ये जानकारी सामने आई है.
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि मामला तब सामने आया जब अधिकारी लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान (एलएसबीए) योजना के तहत शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रुपये के वितरण के दस्तावेजों की जांच कर रहे थे.
जानकारी के बाद आवेदनों को कर दिया गया खारिज
मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि यह पाया गया कि लगभग 40 लाख लोगों ने राशि पाने के लिए धोखाधड़ी कर दूसरी बार आवेदन किया था. इसकी जानकारी के बाद दोबारा राशि मांगने वाले आवेदकों के आवेदन को खारिज कर दिया गया था और बिहार सरकार अब ऐसे आवेदकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने पर विचार कर रही है.
मंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग ने अब तक करीब 85 लाख लोगों को योजना के तहत राशि जारी की है, जबकि 37 लाख अन्य को कुछ अन्य विभागों से शौचालय निर्माण के लिए रकम मिली है.
2016 में शुरू किया गया था लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान
बता दें कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) बनाने के लिए 2016 में लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान शुरू किया गया था. इस बीच, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सदन को बताया कि राज्य सरकार जल्द ही शिक्षकों के पदों के लिए चुने गए 30 हजार उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र बांटना शुरू करेगी.
विजय चौधरी ने बताया कि बिहार ने 2013 में हर पंचायत में एक उच्च माध्यमिक विद्यालय खोलने का निर्णय लिया था. राज्य में 8,387 पंचायतें हैं. सरकार ने पंचायतों में 6,421 हायर सेकेंडरी स्कूल स्थापित कर दिए हैं या फिर मिडिल स्कूलों को अपग्रेड करके पढ़ाई शुरू कर दी गई है.
शिक्षा मंत्री ने बताया कि राज्य में उच्च माध्यमिक विद्यालयों की कुल संख्या 9,360 है, शिक्षा मंत्री ने अपने विभाग के लिए अतिरिक्त बजटीय मांग पर एक बहस का समापन करते हुए ये जानकारी दी.
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