बिहार में शराबबंदी की धज्जियां सरकारी कर्मचारी ही उड़ाने लगे हैं. शराब पर लगी रोक के बावजूद सरकारी कर्मचारी सरकारी दफ्तर में शराब पीते हुए पाए गए. पुलिस ने चार सरकारी कर्मचारियों को सरकारी दफ्तर में शराब पीते हुए गिरफ्तार किया है. ये चारों पटना जीपीओ में सहायक के पद पर है. पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर पटना के जीपीओ दफ्तर के एक कमरे से इन चारों को शराब पीते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है.
बिहार में शराबबंदी लागू है और इसके लिए कड़े कानून भी बनाये गए हैं. इतने कड़े कानून के बावजूद सरकारी कर्मचारी अपनी नौकरी की परवाह किए बिना दिन दहाड़े शराब पी रहे हैं, वो भी सरकारी दफ्तर में. पुलिस ने कमरे से विदेशी शराब की दो बोतलें भी बरामद की है. दफ्तर के लोगों का कहना है कि ये कोई एक दिन का वाकया नहीं है बल्कि रोज ही यहां पीने-पिलाने का दौर चलता रहता है. अक्सर शराब के शौकीन कर्मचारी यहां शराब पीते है. गिरफ्तार कर्मचारियों के नाम अनिल कुमार, अमित कुमार राजीव कुमार और नवलकिशोर हैं.
बिहार में 1 अप्रैल 2016 से शराबबंदी लागू है. इस दौरान में शराब का सेवन करना और बेचना अपराध है. शराबबंदी कानून के तहत जिस परिसर में शराब की बोतलें पकड़ी जायेगी उसे सरकार जब्त कर लेगी. अब समस्या ये है कि सरकारी कार्यालय में पकड़ी गई शराब का क्या किया जाये. कोतवाली डीएसपी मो. शिब्ली नोमानी का कहना है कि देखना पड़ेगा कि कानून क्या कहता है और सरकारी कार्यालय को तो सील करना मुश्किल है ज्यादा से ज्यादा उस कमरे को सील किया जा सकता है.
बताया जा रहा है कि जीपीओ में दो कर्मचारियों का रिटायरमेंट का दिन था. इसी खुशी में जाम छलकाया जा रहा था. पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है कि इन्होंने शराब की बोतले कहां से खरीदी और किसने पहुंचाई. बिहार देश का चौथा राज्य है, जहां पूर्ण शराबबंदी है.