जेडीयू के महेश्वर हजारी बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष चुने गए हैं. महेश्वर हजारी के पक्ष में 124 मत पड़े. वोटिंग के दौरान विपक्ष का कोई सदस्य सदन में मौजूद नहीं था, जिसके कारण महेश्वर हजारी की चयन प्रक्रिया ध्वनि मत से हो गई.
बता दें कि बिहार विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए एनडीए की तरफ से महेश्वर हजारी और विपक्ष के ओर से आरजेडी विधायक भूदेव चौधरी ने मंगलवार को नामांकन दाखिल किया था.
आज तक से बातचीत में नए उपाध्यक्ष ने माना कि सदन में जो कुछ हुआ वो सदन की गरिमा के खिलाफ था. उन्होंने सत्ता और विपक्ष दोनों से सदन की गरिमा का ख्याल रखने का आग्रह किया. महेश्वर हजारी ने कहा कि विपक्ष भी सरकार का हिस्सा होती है, दोनों को मिलकर सदन को सुचारू ढंग से चलाने का प्रयास करना चाहिए.
बिहार विधानसभा में विधायकों की संख्या बल को देखा जाए तो एनडीए के उम्मीदवार की जीत तय मानी जा रही थी. इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए भी दोनों गठबंधन आमने-सामने आ गए थे. स्पीकर के चुनाव में बीजेपी के विजय कुमार सिन्हा विजयी हुए थे.
स्पीकर के चुनाव में ऐसे रहे नतीजे
बता दें कि पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में भी एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली थी. एनडीए के उम्मीदवार को 126 और महागठबंधन को 114 वोट मिले थे. बीजेपी नेता विजय सिन्हा बिहार के स्पीकर चुने गए थे. विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए हुए वोटिंग में विजय सिन्हा को 126 वोट मिले थे, जिनमें बीजेपी के 74, जेडीयू के 43, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के 3, वीआईपी के चार और दो अन्य विधायक शामिल थे. प्रोटेम स्पीकर के होने के चलते जीतनराम मांझी ने वोट नहीं दिया था.
वहीं, महागठबंधन के 110 विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं, जिनमें आरजेडी के 75, कांग्रेस के 19 और वामपंथी दलों के 16 विधायक शामिल हैं. स्पीकर के चुनाव में महागठबंधन के प्रत्याशी अवध बिहारी चौधरी को 114 वोट मिले थे. महागठबंधन को 5 AIMIM के विधायकों ने समर्थन दिया और एक बसपा के विधायक जमा खान ने पार्टी प्रमुख के निर्देश पर खुद को वोटिंग से बाहर रखा था. हालांकि, बसपा से जीतकर आए जमा खान जेडीयू शामिल हो गए हैं. .