बिहार में विधानसभा चुनाव कराने को लेकर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने प्रतिक्रिया दी है. साथ ही इशारों-इशारों में उन राजनीतिक दलों को पर निशाना साधा है, जो कोरोना वायरस की वजह से विधानसभा चुनाव टालने की मांग कर रहे हैं.
शनिवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट किया, 'विधानसभा चुनाव समय पर हों या टल जाएं, एनडीए चुनाव आयोग के निर्णय का पालन करेगा. हम हर स्थिति के लिए तैयार हैं, लेकिन जैसे कमजोर विद्यार्थी परीक्षा टालने के मुद्दे खोजते हैं, वैसे ही कुछ दल सूबे में विधानसभा चुनाव टालने के लिए दबाव बना रहे हैं.'
सुशील मोदी के इस ट्वीट के बाद से सवाल उठ रहे हैं कि आखिर उनका निशाना किसकी तरफ था? आरजेडी नेता तेजस्वी यादव या फिर लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान की तरफ?
दरअसल, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव और लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद चिराग पासवान दोनों ने ही पिछले दिनों यह स्पष्ट तौर से कहा था कि महामारी काल में बिहार विधानसभा चुनाव कराना सही नहीं होगा. पिछले कुछ दिनों से जिस तरीके से कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़े हैं, उसको देखते हुए तेजस्वी यादव ने बिहार में विधानसभा चुनाव टालने की मांग की है.
इसको लेकर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी हमला बोला था और कहा था कि नीतीश कुमार लाशों के ढेर पर विधानसभा चुनाव कराना चाहते हैं.
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चिराग पासवान ने भी कहा कि चुनाव आयोग को सोच समझकर फैसला लेना चाहिए कि बिहार में चुनाव कब कराना है, क्योंकि ऐसा न हो कि चुनाव के कारण एक बड़ी आबादी को खतरे में झोंक दिया जाए.
दरअसल, विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग के मुद्दे को लेकर चिराग पासवान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच पिछले कुछ दिनों से तनातनी चल रही है और ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर सुशील मोदी इस ट्वीट के जरिए किस पर हमला कर रहे थे, तेजस्वी पर या फिर चिराग पर? हालांकि जब विवाद बढ़ा, तब सुशील मोदी ने अपने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया.
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