छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के बयान ने बिहार की राजनीति गरमा दी है. इस मामले को लेकर बिहार विधानसभा में हंगामा जारी है. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की तरफ से लगातार ये आरोप लगाया जा रहा है कि सत्ताधारी दल सीबीआई का दुरुपयोग कर रहा है.
रेलवे टेंडर घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है जिसमें आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव सहित परिवार के कई सदस्य आरोपी हैं और सीबीआई ने उन पर चार्जशीट भी दाखिल कर दी है.
लेकिन सीबीआई के अंदर उपजे विवाद ने आरजेडी को सरकार के खिलाफ एक नया हथियार दे दिया है. जब से चारा घोटाले में लालू प्रसाद यादव का नाम आया है तब से आरजेडी सीबीआई के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाती रही है और सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के बयान के बाद से उन्हें और बल मिला है.
तेजस्वी यादव का कहना है कि सरकार सीबीआई की जांच में फंसा कर हम पर दबाव बनाना चाहती है. रेलवे टेंडर मामले में हमें राजनैतिक कारणों से फंसाया गया है. उनका कहना है कि बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सीबीआई से मिलकर लगातार षड्यंत्र कर रहे हैं.
सदन के शुरू होते ही तमाम विपक्षी दलों ने वेल में खड़े होकर सरकार के खिलाफ नारे लगाए, उनकी तख्तियों पर लिखा था कि सीबीआई का दुरुपयोग बंद करो. वहीं दूसरी तरफ सत्ताधारी दल उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी द्वारा लिखित 'लालू लीला' किताब को लहरा रहे थे. विधानसभा और विधान परिषद दोनों सदनों में यही नजारा देखने को मिला.
जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के वरिष्ठ नेता श्याम रजक का कहना है कि सीबीआई के द्वारा उन्हें फंसाया गया है तो इसका फैसला तो कोर्ट में होगा. यहां विधानसभा में हंगामा करके जनता के पैसे का दुरुपयोग क्यों किया जा रहा है? बिहार सरकार के मंत्री विनोद नारायण झा ने कहा कि तेजस्वी यादव अपने आवास का मामला हाईकोर्ट में हार गए हैं. उनके बड़े भाई का तलाक हो रहा है इसलिए वो फ्रस्टेशन में हैं और बिना मतलब सदन को नहीं चलने दे रहे हैं. सरकार किसी भी विषय पर बहस कराने के लिए तैयार है पर विपक्ष को केवल हंगामा चाहिए.
बता दें कि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने सीवीसी को भेजे अपने जवाब में आरोप लगाया कि आईआरसीटीसी घोटाले की जांच के समय राकेश अस्थाना, बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी और प्रधानमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के लगातार संपर्क में थे और पर्याप्त साक्ष्य न होने के बावजूद लालू यादव के खिलाफ केस दर्ज कराने की जल्दबाजी में थे.