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बिहार: JDU के बाद RJD ने लगाया पोस्टर, PM मोदी और नीतीश पर साधा निशाना

बिहार में सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और उसके पुराने गठबंधन सहयोगी और विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के बीच पोस्टर वार चल रहा है. गुरुवार को जेडीयू ने नीतीश और आरजेडी के 15 साल के शासन की तुलना करते हुए पोस्टर जारी किया था, जिसमें नीतीश और राबड़ी की तस्वीरें थी. अब आरजेडी ने भी जवाब में पोस्टर जारी किया है.

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आरजेडी का पोस्टर
आरजेडी का पोस्टर

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  • पार्टी कार्यालय के बाहर लगाया पोस्टर
  • जेडीयू ने गुरुवार को किया था जारी

बिहार में सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और उसके पुराने गठबंधन सहयोगी और विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के बीच पोस्टर वार चल रहा है. गुरुवार को जेडीयू ने नीतीश और आरजेडी के 15 साल के शासन की तुलना करते हुए पोस्टर जारी किया था, जिसमें नीतीश और राबड़ी की तस्वीरें थीं. अब आरजेडी ने भी जवाब में पोस्टर जारी किया है.

आरजेडी दफ्तर के बाहर शुक्रवार को पोस्टर लगाया गया. 'झूठ की टोकरी और घोटालों का धंधा' शीर्षक से जारी किए गए पोस्टर में एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नजर आ रहे हैं तो दूसरी तरफ नीतीश कुमार. आरजेडी ने यह पोस्टर अपने कार्यालय के बाहर लगवाया है. नीतीश कुमार के साथ मुख्यमंत्री की कुर्सी भी दर्शाई गई है, जिसमें पैर नहीं है. ऐसा आरजेडी ने अपने साथ जनादेश मिलने और नीतीश के सरकार भाजपा के साथ चलाने को दर्शाने के लिए किया है.

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पोस्टर पर जुमलों की टोकरी में राम मंदिर, 15 लाख, काला धन, स्मार्ट सिटी और गंगा की सफाई का उल्लेख किया गया है तो साथ ही राफेल और ध्वस्त शिक्षा व्यवस्था का जिक्र भी है. नीरव मोदी, ललित मोदी, विजय मल्या का नाम है तो झूठ की टोकरी में रोजगार सुरक्षा, नल-जल के साथ-साथ तीर भी रखा हुआ है. साथ ही सृजन घोटाला, महंगाई, बाढ़, अपराध, बलात्कार, हत्या, बालिका गृह कांड का भी उल्लेख है.

चुनावी साल है 2020

गौरतलब है कि बिहार के लिए 2020 चुनावी साल भी है. इसी वर्ष यहां चुनाव होने हैं, ऐसे में साल की शुरुआत में ही सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच शुरू हुए पोस्टर वार के कम होने के आसार कम ही नजर आ रहे हैं. 2015 के चुनाव से इस बार तस्वीर अलग है. तब जेडीयू और आरजेडी मिलकर चुनाव लड़ रहे थे, वहीं विपक्षी भारतीय जनता पार्टी अन्य सहयोगी दलों के साथ चुनाव मैदान में थी. इस बार फिर जेडीयू और भाजपा साथ चुनाव लड़ रहे हैं.

बता दें कि कुछ दिन पहले आरजेडी ने नीतीश कुमार के 15 सालों का हिसाब मांगा था. इसके जवाब में जेडीयू ने पोस्टर जारी कर कहा कि पहले के 15 साल का हिसाब दो फिर 15 साल का हिसाब लेना. पोस्टर में यह भी दर्शाया गया कि लालू यादव और राबड़ी के 15 साल में बिहार कितना बदहाल था. बिजली और सड़कें नही थीं, नरसंहारों का दौर था. लेकिन नीतीश कुमार के 15 साल को पोस्टर में अच्छी सडकें, बिजली- पानी शिक्षा- स्वास्थ्य के लिए दर्शाया गया था.

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