बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए ने चुनावी अभियान का बिगुल फूंक दिया है. वहीं, महागठबंधन में अभी तक सहयोगी दलों के बीच सहमति नहीं बन पाई है. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी महागठबंधन की समन्वय समिति बनाने के मुद्दे पर आरजेडी के साथ आर-पार की लड़ाई के मूड में नजर आ रहे हैं और उन्होंने तीसरी बार अल्टीमेटम दिया है.
जीतन राम मांझी ने कहा कि 10 जुलाई को हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की कोर कमेटी की बैठक होगी. इस बैठक में महागठबंधन में रहने या फिर ना रहने को लेकर बड़ा फैसला हो सकता है. हालांकि, इससे पहले जीतन राम मांझी दो बार महागठबंधन को समय दे चुके हैं.
मांझी पहले भी कर चुके हैं अलर्ट
मांझी ने सबसे पहले 26 जून की तारीख दी थी, लेकिन कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक के बाद एक सप्ताह तक अपने फैसले को टाल दिया था. इसके बाद जीतनराम मांझी ने फिर दो जुलाई तक समन्वय समिति की मांग पर फैसला लेने का समय दिया था. अब तीसरी बार उन्होंने 10 जुलाई की तारीख तय की है.
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गौरतलब है, जीतन राम मांझी लगातार महागठबंधन में समन्वय समिति बनाने की मांग रख रहे हैं ताकि सीटों के बंटवारे से लेकर मुख्यमंत्री पद के चेहरे सहित तमाम मुद्दों पर सभी दल एकमत हो सकें. मांझी ने पहले ही कह दिया है कि आरजेडी नेता तेजस्वी यादव महागठबंधन के नेता नहीं हैं बल्कि केवल आरजेडी की तरफ से 2020 में मुख्यमंत्री उम्मीदवार हैं.
कांग्रेस नेताओं से कर चुके हैं बैठक
जीतन राम मांझी कई बार यह मांग उठा चुके हैं कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में महागठबंधन का नेता कौन हो इस बात का फैसला समन्वय समिति में ही होना चाहिए. पिछले दिनों उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान के साथ भी बैठक की थी और बिहार में महागठबंधन की समन्वय समिति बनाने की मांग उठाई थी. उस वक्त ने कांग्रेस आलाकमान ने मांझी को यह कहकर समझा दिया था कि जल्द ही आरजेडी महागठबंधन की समन्वय समिति बनाएगी मगर अब तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है.
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तेजस्वी को लेकर समझौते के मूड में नहीं RJD
हालांकि, आरजेडी ने भी स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी तेजस्वी यादव के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेगी और वही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं. आरजेडी तेजस्वी नाम पर महागठबंधन में कोई समझौता नहीं करेगी. तेजस्वी के चेहरे को लेकर महागठबंधन में सहमति नहीं बन पा रही है. ऐसे में कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल भी मंगलवार को तीन दिन के बिहार दौरे पर पहुंच रहे हैं. इस दौरान वह कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक करने के साथ-साथ महागठबंधन के सहयोगी दलों के साथ भी विचार-विमर्श कर सकते हैं.