बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सदन में अपने ऊपर लग रहे पक्षपाती होने के आरोप पर अपनी चुप्पी तोड़ी. उन्होंने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे किसी भी व्यक्ति के आचरण को जनता देखती है. अध्यक्ष ने सबको सलाह देते हुए कहा कि जीवन नश्वर है, जिसका जन्म हुआ है, उसकी मृत्य अटल है. जो आए हैं, वो जाएगा, ऐसे में हमारा व्यवहार और काम ही हमें जीवित रखेगा.
दरअसल सोमवार को बिहार विधानसभा के प्रश्नोत्तर काल में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के एक बयान पर जमकर हंगामा हुआ था. तेजस्वी यादव ने मंत्री प्रमोद कुमार पर व्यक्तिगत टिप्पणी करते हुए कहा था, 'कैसे मंत्री बना दिया जाता है आप लोगों को?' तेजस्वी के इस बयान के बाद विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया था. जबकि डिप्टी सीएम ने अध्यक्ष की निष्पक्ष भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए सिर्फ एक नेता (तेजस्वी यादव) को संरक्षण देने का आरोप लगा दिया था.
इसके अलावा भी बीते कुछ दिनों से सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने ही अध्यक्ष पर एक-दूसरे से गाइड होने का आरोप लगाया था. विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने पक्षपात के आरोपों पर मंगलवार को सदन में कड़ी प्रतिक्रिया दी. अध्यक्ष ने सदन में साफ कर दिया कि आसन के ऊपर इस तरह की टिप्पणी या पक्षपात का आरोप लगाना बेहद आपत्तिजनक है.
उन्होंने कहा कि इस मामले को आसन बेहद गंभीरता से लेता है. संवैधानिक पद पर बैठे किसी व्यक्ति के आचरण को जनता भी देखती है, आसन की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर सदस्य अपनी विश्वसनीयता ही खोते हैं. ऐसे में पक्ष हो या विपक्ष किसी को इस पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है. स्पीकर ने सभी सदस्यों से आग्रह किया कि वो सदन में संयमित और मर्यादित आचरण रखें. इस दौरान उन्होंने इशारों ही इशारों में डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के आरोपों का न केवल जवाब दिया, बल्कि तेजस्वी यादव समेत सभी सदस्यों को चेता दिया कि वह पूरी निष्पक्षता से अपनी भूमिका निभाते रहेंगे.
बजट पर चर्चा ना होने को लेकर कांग्रेस ने उठाए सवाल
बिहार में बजट सेशन चल रहा है. 17 मार्च को गृह और सामान्य प्रशासन विभाग के बजट पर चर्चा होनी थी. विपक्ष इस दौरान राज्य में कानून व्यवस्था पर सरकार को घेरने की तैयारी में था. लेकिन अब जानकारी आई है कि गृह और सामान्य प्रशासन विभाग के बजट पर कोई चर्चा नहीं होगी. दरअसल विधान परिषद के कार्यकारी सचिव विनोद कुमार ने पत्र जारी कर सभी सदस्यों को सूचित किया है कि पहले से निर्धारित गृह एवं सामान्य प्रशासन विभाग के बजट पर चर्चा की जगह अब सामान्य वाद-विवाद होगा.
इस फैसले से कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा काफी नाराज़ नजर आए. उन्होंने कहा कि रोज 3-4 विभागों के बजट को लेकर चर्चा हो रही है, कल 17 मार्च को गृह एवं सामान्य प्रशासन विभाग पर चर्चा होनी थी. यहां लोगों की जान-माल का नुकसान हो रहा है और अगर हम कानून व्यवस्था पर चर्चा नहीं करेंगे तो क्या करेंगे?
प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि सबने सरकार से सवाल पूछने की तैयारी कर रखी थी, नीतीश कुमार आखिर कानून व्यवस्था पर चर्चा से क्यों डर रहे हैं? नीतीश कुमार ने सभी विभागों पर चर्चा करा ली लेकिन जब खुद के विभाग की बारी आई तो चर्चा से भाग रहे हैं. इसके अलावा प्रेमचंद्र मिश्रा ने कोरोना के मुद्दे पर कार्यस्थागन प्रस्ताव दिया है. विधान पार्षद ने कहा कि कोरोना संक्रमण फिर से बढ़ रहा है, होली में बहुत से लोग बिहार वापस लौटते हैं लेकिन यहां सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है.
विपक्ष का विधानसभा सत्र से पहले प्रदर्शन
मंगलवार को बिहार विधानसभा सत्र से पहले राजद और वामदलों के तमाम विधायकों ने आपराधिक वारदातों, लूट, हत्या, फिरौती और जालसाजी जैसी घटनाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. भाकपा माले के विधायकों ने आशाकर्मियों के मानदेय भुगतान में बढ़ोतरी के साथ-साथ सरकारी नौकरी का दर्जा देने की मांग सरकार से की. वहीं, राजद के विधायकों ने कहा है कि, जिस तरह से बिहार में शराब माफियाओं का तांडव दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. सरकार इस पर लगाम लगाने में असमर्थ साबित हो रही है यह बिहार के लोगों के लिए सबसे ज्यादा संकट का समय है. राजद प्रवक्ता वीरेंद्र ने कहा कि कई वर्षों से सीएम नीतीश गृह विभाग अपने पास रखे हुए हैं, लेकिन उनसे गृह विभाग का एक भी काम नहीं संभल रहा है, ऐसे में गृह विभाग की ज़िम्मेदारी उनको किसी और को सौंप देनी चाहिए.