scorecardresearch
 

भ्रष्टाचार के मुद्दे विधानसभा में तेजस्वी-सुशील मोदी भिड़े, नीतीश को बताया 'भीष्म पितामह'

बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजयकुमार चौधरी ने प्रदेश में हुए विभिन्न घोटालों को लेकर विपक्ष की ओर से लाए गए कार्यस्थगन प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया तो तेजस्वी भड़क उठे.

Advertisement
X
तेजस्वी यादव और सुशील कुमार मोदी
तेजस्वी यादव और सुशील कुमार मोदी

Advertisement

बिहार विधान सभा में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के बीच काफी नोकझोंक हुई. तेजस्वी ने नीतीश सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया तो सुशील मोदी ने बेनामी संपत्ति और लालू यादव के परिवार पर लगे दूसरे भ्रष्टाचार के मुद्दों पर पलटवार किया.

पीटीआई के मुताबिक, बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजयकुमार चौधरी ने प्रदेश में हुए विभिन्न घोटालों को लेकर विपक्ष की ओर से लाए गए कार्यस्थगन प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया तो तेजस्वी भड़क उठे. तेजस्वी ने अपनी सीट से खड़े होकर इसे अति महत्वपूर्ण विषय बताया और आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जो कि पहले सुशासन के लिए जाने जाते थे, अब भ्रष्टाचार के 'भीष्म पितामह' के रूप में जाने जाते हैं.

तेजस्वी ने आरोप लगाया कि "कोई दिन ऐसा नहीं बीतता है कि बिहार में एक नए घोटाले की खबर देखने को नहीं मिलती हो." तेजस्वी की इस टिप्पणी पर सुशील मोदी ने पलटवार करते हुए कहा कि क्या तेजस्वी 1,000 करोड़ रुपये की खुद की एकत्र की गई बेनामी संपत्ति के बारे में सदन को बताएंगे, जिसकी सीबीआई जांच कर रही है. मोदी ने पूछा कि 28 साल की उम्र में वे इतनी सारी संपत्ति के मालिक कैसे बन गए?

Advertisement

वहीं तेजस्वी ने कहा जबतक वे उपमुख्यमंत्री रहे उस दौरान उनपर कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा था. वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री पर हत्या का आरोप लगने के साथ न्यायालय द्वारा उनपर जुर्माना भी लगाया गया है. वहीं सुशील मोदी ने तेजस्वी से कहा कि अगर उन्होंने उस समय जनता के बीच जाकर स्पष्टीकरण दे दिया होता तो वे उपमुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने रहते.

सुशील का इशारा लालू प्रसाद के रेल मंत्रित्व काल में हुए रेलवे टेंडर घोटाला मामले में सीबीआई द्वारा प्राथमिकी दर्ज किए जाने पर जदयू के तेजस्वी से जनता के बीच जाकर स्पष्टीकरण दिए जाने की मांग उठाने और राजद द्वारा इसे खारिज कर दिए जाने की ओर था. इसी बात पर नीतीश द्वारा जुलाई महीने में प्रदेश की पिछली महागठबंधन सरकार में शामिल राजद और कांग्रेस से नाता तोड़कर बीजेपी के साथ मिलकर बिहार में एनडीए की सरकार बना ली थी

माले ने भी किया विरोध

इससे पूर्व सदन की कार्यवाही शुरू होते ही माले सदस्य दलितों पर हो रहे कथित अत्याचार को लेकर प्लेकार्ड हाथ में लिए अध्यक्ष के आसन के निकट आ गए. इस पर सत्तापक्ष के सदस्य भड़क गए और पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने विपक्ष के रवैये पर कड़ा एतराज जताया. बाद में अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने दोनों पक्षों को शांत किया जिसके बाद प्रश्नकाल सुचारू रूप से चला.

Advertisement

अपशब्द बोलने का आरोप

अध्यक्ष द्वारा भोजनावकाश के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करने की घोषणा किए जाने पर जब विधायक सदन से निकल रहे थे उसी समय बालू और गिट्टी के मामले को लेकर राजद के विरेंद्र और जदयू के विरेंद्र सिंह आपस में उलझ पड़े और उनके बीच तीखी नोकझोंक हुई. बाद में तेजस्वी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि उनकी पार्टी ने जदयू विधायक के द्वारा अपशब्द का प्रयोग किए जाने पर इसकी शिकायत अध्यक्ष से की है और अध्यक्ष ने उन्हें आश्वस्त किया है कि वे उस पर विचार करेंगे.

Advertisement
Advertisement