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4 आंख, बनावट काफी अलग... जाल में फंसी ऐसी मछली कि चौंक गया मछुआरा

हरहा नदी में मछुआरे के जाल में एक ऐसी मछली फंस गई, जिसको देखकर मछुआरा भी हैरत में पड़ गया. मछली के चार आंख है और इसका रंग व बनावट दोनों सामान्य मछली से भिन्न है. इसको अमेजॉन स्मेल एक्जॉटिक कैट फीस के नाम से जाना जाता है, जो कि आरमोरेड कैटफिश फैमिली से है.

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हरहा नदी में मिली अमेजॉन स्मेल एक्जॉटिक कैट फीस
हरहा नदी में मिली अमेजॉन स्मेल एक्जॉटिक कैट फीस

बिहार के बगहा में मछली मारने के दौरान मछुआरे के जाल में एक अजोबोगरीब मछली फंस गई, जिसको देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गई. बुधवार को बगहा-1 प्रखंड के बनचहरी गांव के पास हरहा नदी में मछुआरे के जाल में एक ऐसी मछली फंस गई, जिसको देखकर मछुआरा भी हैरत में पड़ गया.

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अब यह मछली लोगों मे कौतूहल का विषय बन चुकी है, क्योंकि इस मछली के चार आंख है और इसका रंग व बनावट दोनों सामान्य मछली से भिन्न है. इस मछली के विषय मे जानकारी के लिए वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में पदस्थापित के बांकेलाल प्रजापति व वरीय प्रबंधक कमलेश मौर्य ने बताया कि यह मछली अमेजॉन नदी में पाई जाती है.

इसको अमेजॉन स्मेल एक्जॉटिक कैट फीस के नाम से जाना जाता है, जो कि आरमोरेड कैटफिश फैमिली से है. इसका हमारी नदियों में मिलना चिंता की बात है. अमेजॉन से यहां पहुचने के सवाल पर उन्होंने बताया कि ऐसी संभावना है कि यह मछली एक्यूरिअम में लोग पालते है, जो शीशे पर जमे काई और मछलियों की गंदगी को साफ करती है.

इसके पहले इस प्रकार की मछली यूपी के बनारस और बिहार के कहलगांव में भी पाई गई है, जो हमारी नदियों के लिए चिन्ता का विषय है. कमलेश मौर्य ने बताया कि जो जानकारी है उसके अनुसार यहां से 15000 हजार किलोमीटर दूर अमेजॉन में रहने वाली इस मछली का छोटी नदियों में मिलना शोध का विषय है.

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(रिपोर्ट- गिरीन्द्र कुमार पाण्डेय)

 

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