बिहार के विधानसभा में भवन में राज्य गान के अपमान किए जाने का मामला सामने आया है. सत्तारूढ़ महागठबंधन ने इस पर नाराजगी जताते हुए आरोप लगाया है कि बुधवार को बजट सत्र के आखिरी दिन विधानसभा में राज्यगान बजाया गया और विधायक जीवेश कुमार मिश्रा खड़े नहीं हुए, इस बीच वह बैठे नजर आए.
मेरा अपमान करने का इरादा नहीं था: जीबेश कुमार मिश्रा
दरभंगा जिले के जाले सीट से विधायक जीवेश मिश्रा ने कहा कि राज्य गान में राज्य के उन 18 जिलों का उल्लेख नहीं है जो मिथिला क्षेत्र का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा दरभंगा को 'मिथलांचल' का दिल माना जाता है और यहां की प्रमुख भाषा मैथिली है. विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि "जाहिर है कि राज्य गान व्यक्तित्व और मिथिला की संस्कृति के बारे में बात नहीं करता है. यह राज्य के केवल एक विशेष हिस्से के बारे में बात करता है. उनका कहना था कि यह केवल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के बारे में बात करता है, इसके बाद उन्होंने कहा कि मेरा इरादा राज्य गान का अपमान करना नहीं था, हालांकि इसे एक संपूर्ण गान होना चाहिए था.
बता दें कि बिहार के राज्य गान के बोल 'मेरे भारत के कंठ हार' है और इसे आधिकारिक तौर पर मार्च 2012 में अपनाया गया था. इसके बोल कवि सत्य नारायण ने लिखे थे और संगीत हरि प्रसाद चौरसिया और शिवकुमार शर्मा ने दिया था.
भाजपा की मानसिकता हुई उजागर: मंत्री श्रवण कुमार
जाले विधायक द्वारा राज्यगान के कथित अपमान पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने संवाददाताओं से कहा, "यह राष्ट्रगान का सरासर अपमान था. उनके इस कारनामे ने भाजपा की मानसिकता को फिर से सामने रख दिया है. इससे पहले प्रश्नकाल के दौरान, भाजपा ने 'महागठबंधन' पर रामनवमी के दौरान नालंदा जिले के सासाराम और बिहारशरीफ में हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर निशाना साधा तो इसके जवाब में सत्तासीन महागठबंधन ने भी भाजपा पर आरोप लगाए. भाजपा सांसदों ने विधानसभा के अंदर और बाहर दोनों जगह प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रश्नकाल को बाधित करने लगे. इसके बाद विधायक जीवेश कुमार मिश्रा को मार्शलों ने बाहर कर दिया.
विधायक अजीत सिंह ने की कार्रवाई की मांग
सीपीआई (एमएल) लिबरेशन विधायक अजीत कुमार सिंह ने भी जीवेश कुमार मिश्रा पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि "यह राज्य गान का अपमान था, और गंभीर चिंता का विषय भी है. उन्होंने जाले विधायक इस कृत्य को असंवैधानिक और संसदीय अधिनियम की खिलाफत बताते हुए कार्रवाई की भी मांग की. बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों को एक महीने से जारी बजट सत्र के समाप्त होने के बाद बुधवार से अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है. विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने पांच सप्ताह तक चलने वाले बजट सत्र के अंतिम दिन दोपहर के भोजन के बाद के सत्र में निजी सदस्यों का संकल्प लेने के बाद विधानसभा स्थगित कर दी.