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IRCTC घोटाले पर घिरे तेजस्वी यादव, BJP बोली- जांच प्रभावित कर सकते हैं डिप्टी सीएम

सीबीआई ने घोटाला मामले में जमानत पर बाहर चल रहे तेजस्वी यादव की जमानत याचिका खारिज करने के लिए कोर्ट में अर्जी दी है. सीबीआई की तरफ से कोर्ट में तर्क दिया गया है कि तेजस्वी यादव जांच को प्रभावित कर रहे हैं. इसी मुद्दे पर संजय जायसवाल ने तेजस्वी को घेरना शुरू कर दिया है.

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बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल.
बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल.

बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को लेकर बड़ा बयान दिया गया है. जायसवाल ने IRCTC घोटाले में जांच का सामना कर रहे तेजस्वी यादव को लेकर कहा है कि वे बिहार के डिप्टी सीएम हैं और जब देश के गृह राज्य मंत्री को ठंडा करने की धमकी दे सकते हैं तो ऐसा व्यक्ति घोटाले पर जमानत पर बाहर रहते हुए जांच को भी प्रभावित कर सकता है. उसे डिस्टर्व कर सकता है. 

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बता दें कि सीबीआई ने घोटाला मामले में जमानत पर बाहर चल रहे तेजस्वी यादव की जमानत याचिका खारिज करने के लिए कोर्ट में अर्जी दी है. सीबीआई की तरफ से कोर्ट में तर्क दिया गया है कि तेजस्वी यादव जांच को प्रभावित कर रहे हैं. इसी मुद्दे पर संजय जायसवाल ने तेजस्वी को घेरना शुरू कर दिया है. संजय ने तेजस्वी के उस बयान को कोट किया है, जिसमें उन्होंने नित्यानंद राय को ठंडा करने देने की बात कही थी. 

बिहार में ठंडा का मतलब सबको पता है...

संजय जायसवाल ने कहा कि सीबीआई का अर्जी देना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी ने गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को ठंडा करने की धमकी दी थी. बिहार में ठंडा करने का मतलब सबको पता है. संजय जायसवाल ने कहा कि अधिकारियों को तेजस्वी की ओर से ये बोलना कि आपका भी परिवार है, इसका क्या मतलब है. आप भी रिटायर होंगे. ये सब बिल्कुल गलत है. इस तरह के बयान देने वाले व्यक्ति पर जरूर कार्रवाई होनी चाहिए.

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सीबीआई अफसरों पर कितना प्रभाव डाला होगा...

उन्होंने कहा कि जमानत पर छूटा हुआ व्यक्ति गृह राज्यमंत्री पर बोले- यह ठीक नहीं है. संजय जायसवाल ने आगे कहा कि ऐसे व्यक्ति द्वारा सीबीआई के अफसरों पर कितना प्रभाव डाला गया होगा सब जानते हैं. संजय जायसवाल ने जदयू पर पलटवार किया और कहा कि तेजस्वी के खिलाफ सारे साक्ष्य ललन सिंह ने दिये थे. साल 2008 में ललन सिंह की ओर से साक्ष्य दिया गया था, उसके बाद ही कार्रवाई हुई. उन्होंने कहा कि ललन सिंह ने जानबूझकर समझौता किया है, ताकि राजद को हथिया सकें.

 

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