बिहार बोर्ड ने इंटरमीडिएट की परीक्षा में आर्ट्स और साइंस में टॉप करने वाले स्टूडेंट्स को शुक्रवार को बोर्ड के सामने पेश होने का आदेश दिया है. इसके लिए बाकायदा अखबारों में विज्ञापन भी दिए गए हैं. 'आज तक' ने इंटरमीडिएट में टॉप करने वाले छात्रों की असलियत दिखाई थी कि किस तरह उन्हें अपने विषय की बेसिक जानकारी भी नहीं है.
बोर्ड की ओर से दिए गए विज्ञापन में यह भी कहा गया है कि आर्ट्स की टॉपर रूबी कुमारी और साइंस के सौरभ श्रेष्ठ के रिजल्ट पर रोक लगा दी गई है. बोर्ड ने साइंस और आर्ट्स के कुल 14 छात्रों को नोटिस जारी किया है. अगर वे शुक्रवार को दोपहर तीन बजे बोर्ड के सामने पेश नहीं होते तो उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए बोर्ड स्वतंत्र है.
रिव्यू एग्जाम कराने का आदेश
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने 'आज तक' की खबर देखने के बाद तुरंत एक्शन लिया और दोनों टॉपर्स के रिजल्ट पर रोक लगा दी. समिति ने 3 जून को इनका रिव्यू एग्जाम कराने का भी आदेश दिया. इस दौरान विषय के विशेषज्ञ छात्रों की परीक्षा लेंगे.
विषय का नाम भी नहीं बता पाई टॉपर
बिहार इंटरमीडिएट के टॉप करने वाली रूबी कुमारी को अपने विषय तक की जानकारी न होना 'पॉलिटिकल' साइनंस को 'प्रोडिकल' साइंस कहना या फिर पॉलिटिकल साइंस में खाना बनाने के बारे में पढ़ाए जाने जैसी जानकारी रखने वाली छात्रा पर संकट के बादल छाने लगे हैं. बोर्ड ने छात्रा की कॉपी दोबारा उसके सामने जांचने की प्रक्रिया शुरू की थी.
'सरकार की विश्वसनीयता पर धब्बा लगा'
इंटरमीडिएट परीक्षा में टॉपर के शर्मनाक जवाब और उनके ज्ञान से जहां बिहार की किरकिरी हो रही है वहीं बिहार शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने माना है कि व्यवस्था में कहीं न कहीं चूक हुई है जिसने सरकार की विश्वसनीयता पर धब्बा लगा दिया. मंत्री ने कहा कि एक सप्ताह के अंदर पूरे मामले की जांच कर ली जाएगी और जो भी दोषी पाए जाएंगे उन पर शख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा, 'हम मानते हैं कि एक-दो केस में चूक हुई लेकिन इससे पूरे परीक्षा परिणाम पर सवालिया निशान नहीं लगाया जा सकता है.'