बिहार बोर्ड हमेशा से अपने कारनामों को लेकर चर्चा में बना रहता है. अब बोर्ड का एक और कारनामा सामने आया है. बोर्ड ने एक छात्र को हिंदी विषय में 100 में से 2 अंक दिए और फेल कर दिया. जब छात्र ने आरटीआई के जरिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से कॉपी देखने की मांग की तो उसे 79 नंबर मिले थे. इसके बाद बोर्ड के अधिकारियों में हड़कंप मच गया और आनन फानन में रिजल्ट सही किया गया.
गणित में मिले 96 अंक और हिंदी में फेल
बिहार के रोहतास के रहने वाले धनंजय कुमार ने 2016 में हाई स्कूल तिलौथु से मैट्रिक की परीक्षा दी थी. रिजल्ट में धनंजय ने सभी विषयों में अच्छे नंबर प्राप्त किए, लेकिन हिंदी में उसे फेल कर दिया गया. धनंजय को हिंदी में 100 में सिर्फ 2 अंक मिले. वहीं, उसे गणित में 96 नंबर मिले थे. हिंदी में सिर्फ 2 नंबर मिलने के बाद धनंजय कुमार को काफी हैरानी हुई और उसने स्क्रूटनी का फॉर्म भरा, लेकिन इसके बाद भी बोर्ड ने धनंजय को 2 नंबर ही दिए.
कॉपी जांचने पर सामने आई सच्चाई
धनंजय कुमार ने अपने हिंदी की आंसर शीट खुद जांचने के लिए आरटीआई दाखिल की. इस पर 1 नवंबर को बिहार बोर्ड की तरफ से धनंजय कुमार को हिंदी विषय की आंसर शीट की फोटोकॉपी दी गई, जिसमें धनंजय को 79 अंक मिले थे.
इसके बाद अपनी मार्कशीट को ठीक करवाने के लिए भी धनंजय कुमार को बिहार बोर्ड के चक्कर लगाने पड़े. जब बोर्ड ने इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की तो धनंजय ने मीडिया से संपर्क किया.
धनंजय कुमार की खबर मीडिया में आने के बाद बिहार बोर्ड भी हरकत में आया और फिर उसे खुद बोर्ड दफ्तर बुलाकर नया संशोधित मार्कशीट दिया. बता दें, धनंजय को साइंस में 80, गणित में 96 और संस्कृत में 79 अंक मिले हैं.
टॉपर के साथ भी हो चुका है ऐसा
इससे पहले बिहार बोर्ड की सेकेंड टॉपर के साथ भी ऐसा ही हुआ था. सहरसा की प्रियंका को संस्कृत के विषय में केवल 9 अंक मिले थे. इस पर प्रियंका ने परिणाम को पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी, तब जाकर बिहार बोर्ड की गड़बड़ी सामने आई.
इस मामले में पटना हाईकोर्ट ने बिहार बोर्ड पर 5 लाख रुपए का जुर्माना भी ठोका. प्रियंका को जीत मिलने के बाद वो मैट्रिक की परीक्षा में सेकेंड टॉपर बनीं.