बोंचहा विधानसभा पर हुए उपचुनाव के नतीजों के बाद यह अब स्पष्ट हो गया है कि अगर इस सीट पर बीजेपी और 'सन ऑफ मल्लाह' मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी गठबंधन में भी चुनाव लड़ते तो राष्ट्रीय जनता दल को वह हरा नहीं सकते थे.
दरअसल, शनिवार को जब उपचुनाव की मतगणना शुरू हुई तो आरजेडी के बढ़त पर यह कयास लगाए जा रहे थे कि शायद उसे बीजेपी और विकासशील इंसान पार्टी के बीच गठबंधन टूटने का फायदा मिल रहा है मगर अंतिम परिणाम आने के बाद यह साफ हो गया है कि अगर इस सीट पर बीजेपी और वीआईपी साथ भी चुनाव लड़ते तो भी आरजेडी का इस सीट को जीतना तय था.
उपचुनाव के लिए अंतिम परिणाम के मुताबिक आरजेडी उम्मीदवार अमर पासवान को 82116 मत प्राप्त हुए जबकि बीजेपी उम्मीदवार बेबी कुमारी को 45353. वहीं विकासशील इंसान पार्टी उम्मीदवार गीता कुमारी को 29671 मत मिले.
ऐसे में अगर बीजेपी और वीआईपी के कुल मत को मिला दिया जाए तो 75024 होते हैं जबकि आरजेडी को अकेले 82116 मत मिले हैं यानी आरजेडी के जीत का फैसला 7092 वोट है.
बता दें कि, आरजेडी उम्मीदवार अमर पासवान केवल पहले राउंड की वोटिंग में ही बीजेपी उम्मीदवार से पिछड़े थे मगर दूसरे राउंड से लेकर 25वें राउंड तक की वोटिंग में लगातार आरजेडी उम्मीदवार अपनी बढ़त बनाते रहे.
ऐसे में एक बात तो साफ है कि बिहार में भविष्य की राजनीति को लेकर बीजेपी और मुकेश सहनी दोनों को आत्म चिंतन करने की जरूरत है मगर उससे अलग यह भी सच्चाई है कि बोंचहा में जहां बीजेपी के कई केंद्रीय मंत्री, बिहार सरकार के मंत्री और विधायकों की फौज पार्टी को चुनाव जिताने में लगी हुई थी वही तेजस्वी यादव ने अपने A to Z समीकरण के जरिए बीजेपी को परास्त कर दिया.