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पंचायती राज, नगर निकाय प्रतिनिधियों का भत्ता होगा दोगुना: नीतीश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि पंचायती राज एवं नगर निकायों के प्रतिनिधियों को वर्ष 2008 से मिलने वाले हर प्रकार के भत्ते को एक अप्रैल 2013 से दोगुना किया जाएगा.

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नीतीश कुमार
नीतीश कुमार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि पंचायती राज एवं नगर निकायों के प्रतिनिधियों को वर्ष 2008 से मिलने वाले हर प्रकार के भत्ते को एक अप्रैल 2013 से दोगुना किया जाएगा.

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बिहार विधानमंडल के संयुक्त सत्र के दौरान गत 18 फरवरी को दिए गए राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद-विवाद के बाद बिहार विधान परिषद में सरकार की ओर से धन्यवाद प्रस्ताव पेश करते हुए नीतीश ने यह घोषणा की. उन्होंने कहा कि मदरसा और संस्कृत विद्यालयों के शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मियों को छठे वेतनमान के मूल वेतन के ऊपर एक निर्दिष्ट मंहगाई भत्ता देने के प्रस्ताव पर हम गौर कर रहे हैं, इस संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा.

नीतीश ने कहा कि सरकार आदिवासी एवं दुर्गम क्षेत्रों और अभिवंचित वर्गो के सुव्यवस्थित तरीके से संचालित चुनिंदा विद्यालयों के अधिग्रहण करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है. पंचायत और नगर निकायों में अनुबंध पर बहाल एवं नियत वेतन पर बहाल शिक्षकों के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि वे सरकारी कर्मचारी नहीं हैं, बल्कि संवैधानिक संस्थाओं, पंचायत और नगर निकायों द्वारा बहाल किए गए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने नियामवली में संशोधन करके 2010 में उनके नियत वेतन को दो बार बढा़या था और हर साल उनके वेतन में वृद्धि का प्रावधान उसमें जोडा गया है.

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बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए आयोजित जिला सम्मेलन के दौरान जनसभाओं में विभिन्न स्थानों पर इन शिक्षकों के प्रदर्शन की चर्चा करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि जिन शिक्षकों की बहाली के लिए हम सारी दुनिया में बदनामी झेलते रहे वही इस तरह की बात और व्यवहार कर रहे हैं. नीतीश ने अपने घोर विरोधी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का नाम लिए बिना उनके उस कथन पर कटाक्ष किया जिसमें उन्होंने सत्ता में आने पर सबसे पहले इन शिक्षकों के स्थायीकरण करने की बात कही थी. नीतीश ने कहा कि नियम बना हुआ है, ऐसे में पहले दिन उनका वे स्थायीकरण कैसे कर सकेंगे क्योंकि इसके लिए पहले पूर्व की नियामवली को निरस्त करना और नयी नियामवली बनानी होगी तथा बजट का उपबंध करना होगा.

नीतीश ने कहा कि उनके पिछले कार्यकाल के दौरान लोग इन शिक्षकों को अयोग्य बताते हुए यह कहते फिर रहे थे कि सत्ता में आते ही सबसे पहले सबको एक कलम से हटा देंगे. उन्होंने कहा कि ये वही लोग हैं जो चुनाव आयोग को पत्र लिखकर इन शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी में नहीं लगाए जाने का अनुरोध किया था और आज उन्हें ही भड़का रहे हैं. नीतीश कुमार ने विपक्ष पर अव्यवहारिक कार्यों में लगे रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि अनुबंध और नियत वेतन पर बहाल शिक्षकों को भी पता है कि वे ही उनके हितैषी हैं. कल वेतन बढ़ाएंगे तो हम लोग ही बढ़ाएंगे कोई दूसरा नहीं बढ़ाएगा. उन्होंने कहा कि विपक्ष शिक्षकों को भड़काकर उनका ही नुकसान करेंगे. हम गुस्से में आकर दो-चार बात बोल सकते हैं लेकिन किसी का अहित नहीं करेंगे. हम करेंगे तो उनका हित ही करेंगे पर उन्हें भड़काइए मत.

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नीतीश ने कहा कि हमने यह कभी नहीं कहा कि शिक्षकों का वेतन नहीं बढ़ाएंगे. हम इसकी समीक्षा कर रहे हैं जो भी संभव होगा करेंगे. नीतीश ने कहा कि विपक्षी यह कहते फिर रहे थे कि उनका जादू उतर गया पर उन्हें यह याद रखना चाहिए कि बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी करारी हार हुई थी तथा अगले लोकसभा चुनाव में भी यही हाल होगा.

मधुबनी में आगजनी की घटना का जिक्र करते हुए नीतीश ने कहा कि विपक्ष का काम आलोचना करना है लेकिन निराशा का वातावरण नहीं बनाना चाहिए तथा अनैतिक तरीकों और झूठ का सहारा लेकर कोई लडा़ई नहीं जीती जाती है. उन्होंने कहा कि हम रात-दिन लोगों की सेवा में लगे हैं और जो काम कर रहे वह आने वाली पीढ़ी के लिए कर रहे हैं इसलिए इस तरह की हरकतों से उनका कुछ बिगड़ने वाला नहीं है. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का नाम लिए बिना उन पर पत्थर उत्खनन से जुडे लोगों को भड़काने का आरोप लगाया.

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