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समस्तीपुर में बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है. इससे समस्तीपुर में बाढ़ का ख़तरा मंडराने लगा है. सलुईस गेट से रिसाव होकर बाढ़ का पानी शहर के कई हिस्सों में घुस गया है. नगर निगम की टीम सलुईस गेट को ठीक करने में जुट गई है. बूढ़ी गंडक के जलस्तर में हुई बढ़ोतरी का असर ऐसा हुआ है कि नदी किनारे बसे पांच सौ से अधिक घरों में बाढ़ का पानी घुस गया. बाढ़ पीड़ित अपने सामानों के साथ बांध की ओर पलायन कर रहे हैं.
बाढ़ के पानी से लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. सलुईस गेट से पानी का रिसाव होकर मोहल्ले में घुसने से कुछ मुहल्लेवासी पानी से घिर गए हैं. यहां लोग टयूब नाव बनाकर घरों से आवाजाही कर रहे हैं.
बता दें कि लगातार हो रहे बारिश के पानी और नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद शहर स्थित बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है. इस कारण समस्तीपुर में बाढ़ जैसे हालात नजर आ रहे हैं. तो बारिश ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. प्रशासन के सारे दावे खोखले साबित हो रहे हैं.
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सलुईस गेट से शहर में घुसा बाढ़ का पानी
समस्तीपुर शहर के बीच से गुजरने वाली बूढ़ी गंडक नदी, खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. बाढ़ के खतरे को देखते हुए नगर निगम ने सभी सलुईस गेट को बंद कर दिया है. लेकिन शहर के मगरदही घाट के पास एक सलुईस गेट ठीक से बंद नहीं था. इस वजह से बूढ़ी गंडक नदी के बाढ़ का पानी धीरे धीरे सलुईस गेट से रिस कर शहर के कुछ हिस्सों में घुस गया.
नगर निगम कर्मी, महापौर के नेतृत्व में सलुईस गेट को ठीक करने में जुटे हुए हैं. सलुईस गेट के पास बोरे में मिट्टी भरकर बंडाल बनाया गया है. नगर निगम के महापौर तारकेश्वर नाथ ने बताया कि नदी का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है. कल से और ज्यादा बढ़ गया है. सलुईस गेट में कुछ खराबी होने के वजह से बंद नही हो पा रहा है और रिसाव होने की वजह से शहर में पानी घुसने लगा है. इसको ठीक किया जा रहा है.
एक घंटे में इसको नियंत्रित कर लिया जाएगा. नदी के आसपास रहने वाले करीब पांच सौ परिवार बांध पर रह रहे हैं. उनको कोई दिक्कत होगा तो आगे जिला प्रशासन और नगर निगम मदद करेगी.