बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) के कई विधायकों के सांसद बन जाने के बाद खाली हुए मंत्री पद भरने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज (रविवार) मंत्रिमंडल का विस्तार किया. मुख्यमंत्री ने अपनी पार्टी जेडीयू के 8 विधायकों को मंत्री बनाया. इनमें नरेंद्र नारायण यादव, श्याम रजक, अशोक चौधरी, बीमा भारती, संजय झा, रामसेवक सिंह, नीरज कुमार और लक्ष्मेश्वर राय के नाम शामिल हैं. इस बाबत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की थी. मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को इसकी जानकारी दी और रविवार सुबह 11. 30 बजे राजभवन में नए मंत्रियों को शपथ दिलाई गई.
केंद्रीय कैबिनेट के गठन के बाद बिहार में नीतीश सरकार का कैबिनेट विस्तार काफी अहम माना जा रहा है. केंद्र की मोदी सरकार में जेडीयू को कोई मंत्री पद नहीं मिला है. कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार जेडीयू के तीन सांसदों को मंत्री बनवाना चाहते थे लेकिन इस पर सहमति नहीं बन पाई और शपथ ग्रहण से ऐन वक्त पहले जेडीयू ने मोदी सरकार को बाहर से समर्थन देने का फैसला किया.
विभागों का बंटवारा
अशोक चौधरी- भवन निर्माण
संजय झा- जल संसाधन
श्याम रजक- उद्योग
नीरज कुमार -सूचना एवं जनसंपर्क विभाग
बीमा भारती -गन्ना उद्योग विभाग
रामसेवक सिंह- समाज कल्याण विभाग
नरेंद्र नारायण यादव- लघु जल संसाधन विभाग और विधि विभाग
लक्ष्मेश्वर राय- आपदा प्रबंधन विभाग.
नए मंत्री को ज़िम्मेदारी देने के साथ साथ कुल 14 मंत्रियों के विभागों में फेरबदल
कैबिनेट विस्तार को लेकर नीतीश कुमार ने कहा कि लंबे दिनों से जेडीयू मंत्रियों का विस्तार नहीं हुआ था. इसे पूरा किया गया है और यह रूटीन काम है. बीजेपी के साथ कोई मुद्दा नहीं है और सबकुछ सही है. नीतीश के नए मंत्रिमंडल विस्तार में बीजेपी नेताओं को जगह नहीं मिली है. इसके बारे में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कैबिनेट विस्तार से पहले नीतीश कुमार ने बीजेपी से अपने पद भरने की बात कही थी लेकिन बीजेपी ने भविष्य में ऐसा करने का फैसला किया है.
Bihar CM Nitish Kumar on cabinet expansion: Vacancies from JDU quota in the cabinet were empty so JDU leaders were inducted, there is no issue with BJP, everything is fine pic.twitter.com/376FlJVdFF
— ANI (@ANI) June 2, 2019
हाल ही में जेडीयू ने बिहार के विशेष राज्य के दर्जे की मांग को भी लेकर हवा देनी शुरू कर दी है, जिसे राजनीति को लोग दबाव की राजनीति से भी जोड़कर देख रहे हैं. संविधान की धारा 370 हटाने की बात हो या अयोध्या में राम मंदिर निर्माण या तीन तलाक और समान नागरिक कानून हो, इन सभी मामलों में जेडीयू का रुख बीजेपी से अलग रहा है. जेडीयू इन मामलों को लेकर कई बार स्पष्ट राय भी दे चुकी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि पार्टी में सबकी राय है कि केंद्र सरकार में सांकेतिक भागीदारी नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार में भी गठबंधन की पहले भी और आज भी सरकार चल रही है. पहले ही सभी कुछ यहां तक कि मंत्रालय भी तय हो जाते हैं.
Bihar cabinet expansion: Eight JDU leaders take oath as ministers in State Government pic.twitter.com/LHqNVFVteA
— ANI (@ANI) June 2, 2019
8 मंत्रियों की शपथ
नीतीश कुमार की अचानक बदली भाषा क्या बिहार में अगले विधानसभा चुनाव की तैयारियों का संकेत है? केंद्रीय कैबिनेट में जेडीयू की मांग को जिस प्रकार से दरकिनार किया गया, उसे देखते हुए बिहार में आगे की राजनीति कुछ बदली सी दिखने की संभावना है. रविवार को नीतीश सरकार की कैबिनेट का विस्तार उसी का एक हिस्सा हो सकता है. इसी के तहत रविवार को जो 8 नए मंत्री बने वे सभी जेडीयू से हैं. इनमें बीजेपी और एलजेपी का कोई नेता शामिल नहीं है. नीतीश कुमार ने काफी लंबे समय बाद कैबिनेट विस्तार किया है. इस लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार कैबिनेट के तीन सदस्यों के लोकसभा चुनाव जीत जाने के बाद कैबिनेट विस्तार तय माना जा रहा था.
लोकसभा चुनाव में नीतीश सरकार के जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को मुंगेर लोकसभा क्षेत्र से सफलता मिली है, जबकि आपदा और लघु सिंचाई मंत्री दिनेश चंद्र यादव को मधेपुरा से और मत्स्य संसाधन मंत्री पशुपति कुमार पारस को हाजीपुर से जीत हासिल हुई है. इससे पहले ही सृजन घोटाले में नाम आने के कारण मंजू वर्मा को समाज कल्याण मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद से नीतीश कैबिनेट में कोई भी महिला सदस्य नहीं है.