बिहार सरकार के मंत्रियों के विभाग का बंटवारा हो गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पास गृह और प्रशासनिक विभाग रखे हैं, तो डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के पास वित्त, शहरी विकास के साथ-साथ आईटी और पर्यावरण विभाग भी है. उन्हें सुशील मोदी वाले सारे विभाग दिए गए हैं. हालांकि विभाग बंटवारे को लेकर एक विवाद खड़ा हो गया है.
दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेडीयू कोटे से मेवालाल चौधरी को मंत्री बनाया है. मेवालाल पर असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में धांधली का आरोप रहा है. इसके बाद भी नीतीश कुमार ने न सिर्फ मेवालाल को मंत्री बनाया, बल्कि शिक्षा मंत्रालय की अहम जिम्मेदारी दी है. राष्ट्रीय जनता दल ने इसे लेकर निशाना साधा है.
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने ट्वीट करके कहा, 'जिस भ्रष्टाचारी जेडीयू विधायक को सुशील मोदी खोज रहे थे, उसे नीतीश कुमार ने मंत्री पद से नवाजा.
कौन हैं मेवालाल चौधरी
जेडीयू कोटे से मंत्री बनने वाले मेवालाल चौधरी को पहली बार कैबिनेट में शामिल किया गया है. बिहार के तारापुर विधानसभा क्षेत्र से जेडीयू के टिकट पर दूसरी बार वे विधायक चुने गए हैं. मेवालाल चौधरी 2015 में पहली बार विधायक बने थे जबकि इससे पहले तक वो शिक्षक रहे हैं. वो कोइरी समुदाय से आते हैं.
4 जनवरी 1953 को जन्मे मेवालाल (एमएल) चौधरी की शैक्षणिक योग्यता एमएससी है. उन्होंने पीएचडी भी की है. एमएल चौधरी ने 2010 में ही राजनीति में कदम रखा. एमएल चौधरी भारत सरकार में हॉर्टिकल्चर कमिश्नर रह चुके हैं. वह बिहार के कृषि रोड मैप तैयार करने वाले दल के सदस्य भी रहे हैं.