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'जितनी आबादी, उतनी हिस्सेदारी', लालू ने की मांग, नीतीश बोले- आर्थिक स्थिति को बनाएंगे विकास का पैमाना

सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना को लेकर शीघ्र ही विधानसभा में जानकारी दी जाएगी. वहीं लालू यादव ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि जिसकी जितनी आबादी, उसको उतनी ही हिस्सेदारी मिलनी चाहिए.

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नीतीश कुमार और लालू यादव (फाइल फोटो)
नीतीश कुमार और लालू यादव (फाइल फोटो)

नीतीश सरकार ने बिहार में जातीय जनगणना के आंकड़े जारी कर दिए हैं. सरकार की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा, 27 फीसदी पिछड़ा वर्ग, 19 फीसदी से थोड़ी ज्यादा अनुसूचित जाति और 1.68 फीसदी अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या है. वहीं रिपोर्ट जारी होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने इस प्रतिक्रिया दी है.  

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सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना को लेकर शीघ्र ही विधानसभा में जानकारी दी जाएगी. नीतीश ने ट्वीट कर कहा, "जिन दलों ने इसका समर्थन किया था, उन्हीं नौ दलों की बैठक बुलाई जाएगी और जाति आधारित गणना के परिणामों से उन्हें अवगत कराया जाएगा."   

नीतीश कुमार ने जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव  पारित किया गया था.  

नीतीश ने कहा, "बिहार विधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति से निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराएगी एवं दिनांक 02-06-2022 को मंत्रिपरिषद से इसकी स्वीकृति दी गई थी. इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराई है. जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है. इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी.  

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सीएम ने कहा, "बिहार में  कराई गई जाति आधारित गणना को लेकर शीघ्र ही बिहार विधानसभा के उन्हीं 9 दलों की बैठक बुलाई जाएगी तथा जाति आधारित गणना के परिणामों से उन्हें अवगत कराया जाएगा."

लालू यादव ने जातिगत सर्वे पर क्या कहा? 

वहीं आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीजेपी की अनेकों साजिशों, कानूनी अड़चनों और तमाम षड्यंत्र के बावजूद आज बिहार सरकार ने जाति आधारित सर्वे को रिलीज किया.  

लालू यादव ने कहा, "ये आंकडे वंचितों, उपेक्षितों और गरीबों के समुचित विकास और तरक़्क़ी के लिए समग्र योजना बनाने एवं हाशिए के समूहों को आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व देने में देश के लिए नज़ीर पेश करेंगे." 

आरजेडी सुप्रीमो ने कहा, "सरकार को अब सुनिश्चित करना चाहिए कि जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी हिस्सेदारी हो. हमारा शुरू से मानना रहा है कि राज्य के संसाधनों पर न्यायसंगत अधिकार सभी वर्गों का हो. केंद्र में 2024 में जब हमारी सरकार बनेगी तब पूरे देश में जातिगत जनगणना करवायेंगे और दलित, मुस्लिम, पिछड़ा और अति पिछड़ा विरोधी भाजपा को सता से बेदखल करेंगे."

सरकार की नीयत करेगी आंकड़ों का सम्मान: तेजस्वी

बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने इसे दशकों के संघर्ष का प्रतिफल बताते हुए कहा कि अब सरकार की नीतियां और नीयत दोनों ही जाति आधारित सर्वे के इन आंकड़ों का सम्मान करेंगे.

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लोगों में भ्रम फैला रही रिपोर्ट: गिरिराज सिंह

वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार सरकार की ये रिपोर्ट लोगों में भ्रम फैला रही है. उन्होंने कहा, नीतीश सरकार को अपना रिपोर्ट कार्ड जारी करना चाहिए. ये बताएं कि कितने लोगों को नौकरी दीं. लोगों को नौकरी देने का रिपोर्ट कार्ड जारी होना चाहिए.

सम्राट चौधरी बोले- बीजेपी अध्ययन के बाद जारी करेगी बयान

जातीय आधारित गनणना की रिपोर्ट जारी होने पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि हम लोगों ने इसे समर्थन देकर पास करवाया था. बीजेपी इस रिपोर्ट का अध्ययन करेगी फिर इस पर बयान देगी. वहीं आर्थिक-सामाजिक सर्वेक्षण जारी नहीं होने पर चौधरी ने कहा कि उस सर्वे को भी जारी करना चाहिए था. यह तय हुआ था कि उसमें आर्थिक और सामाजिक किसका उत्थान हुआ इसकी भी रिपोर्ट जारी की जाएगी. 

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