बिहार में चमकी बुखार से मरने वालों की संख्या 132 हो गई है. मुजफ्फरपुर मेडिकल कॉलेज में 111 बच्चों की मौत हुई है, जबकि केजरीवाल हॉस्पिटल में 21 बच्चे मरे हैं. आज यानी बुधवार को प्राइवेट अस्पताल में एक बच्चे की मौत हो गई है.
बता दें कि चमकी बुखार की सबसे ज्यादा चपेट में बिहार का मुजफ्फरपुर जिला है. इस महामारी पर काबू पाने के लिए डॉक्टरों द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक इस बीमारी से मरने वालों की संख्या पर काबू नहीं पाया गया है.
लगातार हो रही बच्चों की मौत से लोग सरकार से नाराज हैं. बच्चों की लगातार मौत के मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकार घिरी हुई है.
सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र सरकार और बिहार सरकार से जवाब मांगा है. अदालत ने सरकारों से तीन मुद्दे पर हलफनामा दायर करने को कहा है जिसमें हेल्थ सर्विस, न्यूट्रिशन और हाइजिन का मामला है. अदालत की तरफ से कहा गया है कि ये मूल अधिकार हैं, जिन्हें मिलना ही चाहिए.
एक महीने से मचा हुआ है हाहाकार
बिहार में बीते एक महीने से चमकी बुखार को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) को दिमागी बुखार और चमकी बुखार के नाम से भी जाना जाता है. जिस वक्त ये बुखार का मामला सामने आया, तभी मुजफ्फरपुर में अस्पताल के पीछे कुछ मानव कंकाल पाए गए थे. कुछ लोगों का दावा था कि अस्पताल के पिछले हिस्से में मानव कंकाल-हड्डियां देखने को मिली हैं, जिसके बाद इलाके में हड़कंप मचा है.
मामला सामने आने के बाद इसकी जांच के आदेश दे दिए गए हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं. मीडिया की ओर से जब भी उनसे सवाल दागा गया तो उन्होंने चुप्पी ही साधी उल्टा कुछ मौकों पर वह मीडिया पर ही बरसते हुए दिखे.