बिहार के छपरा में जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट का रुख करने को कहा है. सीजेआई की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आप इस मामले को लेकर हाईकोर्ट क्यों नहीं जाते? मामले में आर्यावर्त महासभा फाउंडेशन की ओर से कहा गया कि यह इकलौता बिहार का मामला नहीं है. उत्तराखंड और अन्य राज्यों में भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं.
सीजेआई ने कहा कि आपने अपनी याचिका में जो भी तीन मांगें की है, उन सभी मांगों पर हाईकोर्ट के पास समुचित अधिकार है कि वहीं पर सुनवाई कर सकता है.
मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस पीएस नरसिम्हन ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या उनका केस विशेष रूप से बिहार के लिए है.इस पर याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि यह सिर्फ बिहार का मामला नहीं है. देश के अन्य राज्यों में भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को अपने मामले को हाईकोर्ट के समक्ष रखने का आदेश जारी करते हुए याचिका का निपटान किया.
दरअसल बिहार के छपरा में हुई जहरीली शराब से मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मामले की एसआईटी से जांच की मांग और पीड़ितों को मुआवजा दिए जाने की मांग की गई थी.
इसके अलावा देशभर में अवैध शराब के निमाण, व्यापार और बिक्री को काबू करने को लेकर नेशनल एक्शन प्लान बनाने की भी मांग की गई थी.
बता दें कि पिछले साल दिसंबर में बिहार के छपरा में जहरीली शराब पीने से 70 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थीं. पुलिस ने शराब कांड के मास्टरमाइंड होम्योपैथी कंपाउडर समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. सारण के पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार के मुताबिक पुलिस ने मामले की जांच के लिए विशेष दल का गठन किया था. इस टीम ने ही शुक्रवार को कंपाउंडर को साथियों के साथ अरेस्ट किया है.