दिल्ली में गुरुवार को हुई नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के बीच दो घंटे की बातचीत के बाद जीतनराम मांझी के मुख्यमंत्री पद से हटने की अटकलें और तेज हो गई है. दिल्ली जाते वक्त नीतीश कुमार ने ये कहकर इन अटकलों को और हवा दे दी है कि 'मांझी को मुख्यमंत्री बनाए रखने की गारंटी वो नहीं दे सकते.'
नीतीश कुमार के इस बयान से साफ है कि लालू और नीतीश के बीच मांझी के भविष्य को लेकर लगभग एक राय बन चुकी है. आज भी नेताओं के बीच बैठकों का दौर जारी है, लेकिन इंतजार दोनों पार्टियों के विलय का हो रहा है. पहले मांझी को हटाए जाने पर लालू की सहमति नहीं थी पर अब सभी इस फैसले से सहमत है.
सूत्रों के मुताबिक आरेजडी और जेडीयू के बीच विलय की बात काफी आगे बढ़ चुकी है और दोनों नेता जल्द विलय चाहते हैं. विलय की सूरत में नई पार्टी से नया नेता होगा और तब मांझी की जगह नीतीश फिर से मुख्यमंत्री बन सकते हैं. इंतजार मुलायम सिंह के रुख का है. अगर तुरंत राष्ट्रीय स्तर पर विलय की बात नहीं बनी तो 14 जनवरी के बाद आरजेडी और जेडीयू के विलय का ऐलान हो जाएगा. 18 जनवरी से लालू-नीतीश मिलकर बिहार में संकर्प यात्रा निकालेंगे.
एक तरफ दोनों पार्टियों में विलय की बात और प्रक्रिया तेज करने पर सहमति बनी है तो दूसरी ओर, विधायक दल विलय को लेकर दो फाड़ है. जेडीयू के करीब दो दर्जन विधायक ऐसे हैं, जो विलय के लिए तैयार नहीं है. ऐसे में नीतीश और लालू के चाहने के बाद भी मांझी का हटना और विलय दोनों आसान नहीं है.