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बिहार: कोरोना टेस्टिंग घोटाले में कई अफसर सस्पेंड, नीतीश बोले- किसी को नहीं छोड़ेंगे!

बिहार में कोरोना टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने के लिए हुए फर्जीवाड़े मामले में अब जमुई के सिविल सर्जन समेत, DPM, DIO, ब्लॉक हेल्थ मैनेजर, सिकंदरा और बरहट PHC चिकित्सा प्रभारियों को सस्पेंड किया गया है.

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोरोना टेस्टिंग संख्या अधिक दिखाने के लिए फर्जीवाड़ा
  • बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा दोषियों को मिलेगा दंड
  • फर्जीवाड़े के आरोपी चिकित्सा कर्मचारी निलंबित

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बिहार में कोरोना टेस्टिंग में हुए कथित फर्जीवाड़े पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने सफाई दी है. दोनों ने कहा है कि इस मामले के दोषियों को बक्शा नहीं जाएगा. फिलहाल इस मामले में जमुई के सिविल सर्जन समेत, DPM, DIO, ब्लॉक हेल्थ मैनेजर, सिकंदरा और बरहट PHC चिकित्सा प्रभारियों को सस्पेंड किया गया है.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि ''कोरोना टेस्टिंग को लेकर जानकारी मिली तो हमने प्रधान सचिव से बात की. उन्होंने बताया कि उन्होंने पूरी जांच कर ली है, 22 जिलों का देख चुके हैं, कहीं एक जगह देखा गया है, उसके बारे में तत्काल कार्रवाई कर रहे हैं. हम तो प्रतिदिन शाम को कहां कितनी जांच हुई, किस जिले में क्या स्थिति है, ये देखते रहते हैं. अगर किसी की जांच नहीं हुई और उसका लिख दिया गया कि जांच हो गई है तो ये तो गलत है, उस पर तो कार्रवाई होगी.''

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नीतीश कुमार ने आगे कहा ''आज ही दिन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को कागजात भेज दिए गए हैं. हमने इसको पूरी गंभीरता से देखने के लिए कहा है. हालांकि कोरोना जांच तो बहुत अच्छा हुआ है. देश की औसत से 22 हजार जांच प्रतिदिन ज्यादा है. अगर किसी ने गड़बड़ी की है तो उसे छोड़ा थोड़े ही जाएगा.''

कोरोना टेस्टिंग में हुए कथित फर्जीवाड़े पर जब आज तक ने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे से बातचीत की तो उन्होंने पहले सरकार की उपलब्धियां गिनाईं. उन्होंने कहा कि ''पिछले 11 महीने में 2 करोड़ 18 लाख से अधिक कोरोना जांच हुई हैं, जो बहुत बड़ा नंबर है.

बिहार का रिकवरी रेट 99.15 प्रतिशत और मृत्यु दर 0.58 प्रतिशत है. अभी तक बिहार में कोरोना से कुल 1519 लोगों की मौत हुई है. राज्य के बड़े अस्पतालों में गिने-चुने मरीज हैं, इसका मतलब है कि राज्य में मरीजों की संख्या नगण्य है. मेडिकल स्टाफ ने अच्छा काम किया है जिसकी वजह से हम कोरोना को नियंत्रित करने में सफल रहे हैं.''

इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने आंकड़ों में हुए फर्जीवाड़े की खबरों पर कहा कि ''कोरोना डेटा एंट्री को लेकर जब ये बात सामने आई, तो मैंने तुरंत प्रधान सचिव को निर्देशित किया कि इसकी जांच सभी जिलों में कराएं. हमारी 12 टीम अलग अलग जिलों में जांच करने निकल चुकी हैं. जिला प्रशासन सभी डेटा की जांच कर रहा है कि कहीं कोई गड़बड़ी तो नहीं हुई है. शेखपुरा के जिन दो लोगों की बात रिपोर्ट में कही गई है, कि उनके नाम के आगे किसी और का नंबर लिखा है. मेरे पास उनकी जांच रिपोर्ट है, उनकी कोरोना जांच हुई है.''

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स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि ''जमुई में सिकंदरा और बरहट प्रखंड में समझ आया है कि गड़बड़ी हुई है, वहां के सिविल सर्जन समेत कई अधिकारियों को निलंबित किया गया है. मैंने हर जगह जांच के आदेश दिए हैं, जिसने अपने काम में गड़बड़ी की है और जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई होगी.

स्वास्थ्य मंत्री ने डेली टारगेट पूरा करने के किसी भी तरह के दबाव से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि ''ऐसा कोई भी दबाव मुख्यालय की ओर से नहीं था.''

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