बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विकास समीक्षा यात्रा के दौरान बक्सर में उनके काफिले पर हुए हमले की जांच में तेजी आ गई है. पुलिस ने अब तक इस पूरे मामले में 17 लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ कर रही है.
घटना के तुरंत बाद नीतीश कुमार ने इस पूरे मामले की जांच करने के लिए पटना के कमिश्नर आनंद किशोर और पटना जोनल आईजी नैयर हसनैन की 2 सदस्यीय टीम का गठन किया था. यह टीम शनिवार को बक्सर के नंदन गांव पहुंची जहां पर यह पूरा मामला हुआ था. जांच टीम का कहना था कि इस हमले की साजिश जिस किसी ने भी रची है उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
आनंद किशोर और नैयर हसनैन की जांच टीम नंदन गांव के उस दलित बस्ती में भी पहुंचे जहां पर नीतीश के काफिले पर सबसे ज्यादा पथराव हुआ था. गौरतलब है कि विरोधी दल इस बात का हवाला दे रहे हैं कि इस इलाके में विकास का कोई काम नहीं हुआ है और इसी से नाराज स्थानीय लोगों ने नीतीश के काफिले पर हमला किया लेकिन जांच टीम ने जब इस इलाके का जायजा लिया तो पाया कि इस पूरे क्षेत्र में विकास का काफी काम हुआ है. ऐसे में जांच टीम इस बात की तफ्तीश कर रही है कि मुख्यमंत्री के काफिले पर आखिर हमला किस मकसद से किया गया?
गौरतलब है कि नीतीश के काफिले पर हमले के मामले में अब तक 12 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं जिनमें वो लोग शामिल हैं जिन्होंने इस पूरी पत्थरबाजी को अंजाम दिया या फिर साजिश रची. जानकारी इकट्ठी करने के इरादे से दोनों अधिकारियों ने गांव के कई लोगों से भी पूछताछ की.
इस पूरी घटना के बाद नंदन गांव में तनाव का माहौल है और हालात को काबू में रखने के लिए पुलिस लगातार फ्लैग मार्च कर रही है. आनंद किशोर और नैयर हसनैन बक्सर में ही कैंप कर रहे हैं और उम्मीद जताई जा रही है कि बहुत जल्द वह अपनी जांच पूरी करके सरकार को रिपोर्ट सौंपेंगे.