बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि अपने राजनीतिक जीवन में अब बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे. नीतीश कुमार ने समस्तीपुर में एक इंजीनियरिंग कॉलेज के उद्घाटन के बाद जनसभा को संबोधित करने के दौरान यह बात कही. उन्होंने कहा- हम अलग हो गए हैं. अब जीवनभर किसी भी तरह से इन लोगों के साथ नहीं जाएंगे. हम सब समाजवादी एक साथ रहेंगे. बिहार की तरक्की करेंगे और देश के उत्थान के लिए भी काम करेंगे.
नीतीश कुमार ने आरजेडी सुप्रीम लालू यादव के खिलाफ जमीन के बदले नौकरी देने मामले में कहा कि उनके खिलाफ कुछ था ही नहीं. नीतीश ने कहा कि अब फिर जब हम लोग एक साथ हुए हैं तो फिर केस कर रहे हैं... समझ जाइए कि किस तरह से काम करते-रहते हैं ये लोग.
बीजेपी अब काम नहीं प्रचार करते हैं
सीएम नीतीश ने कहा कि बीजेपी में जो पहले लोग थे, वे काम करते थे, लेकिन अब बीजेपी पहले जैसी नहीं है. उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी सरीखे नेता खूब काम करते थे लेकिन अब बीजेपी नेता काम से ज्यादा प्रचार करते हैं.
इससे पहले भी उन्होंने कहा था कि बीजेपी अब वैसी नहीं है, जैसे अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के समय में थी. उन्होंने कहा- "पिछली पीढ़ी के नेताओं में कई अच्छे गुण थे, लेकिन इन लोगों के मन में किसी के लिए सम्मान नहीं है. किसी को किसी भी चीज की कोई जानकारी नहीं है."
बीजेपी नीतीश के खिलाफ खोलेगी मोर्चा
बिहार बीजेपी 17 अक्टूबर नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोलेगी. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि नीतीश कुमार को बताना होगा कि उन्होंने किस चतुराई के साथ अति पिछड़ों का आरक्षण खत्म किया है.
उन्होंने कहा कि सीएम अतिपिछड़ा वर्ग विरोधी हैं. नगर निकाय चुनाव पर असंवैधानिक निर्णय इस बात के प्रमाण हैं. नीतीश कुमार धोखेबाज हैं. वह अब प्रधानमंत्री बनने की चाहत में लालू यादव के दबाव में अतिपिछड़े वर्ग के लोगों धोखा दे रहे हैं.
20 साल पहले शुरू हुआ शाह का राजनीतिक करियर
नीतीश कुमार ने 12 अक्टूबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा था कि जिन लोगों का राजनीतिक करियर अभी 20 साल पहले शुरू हुआ. उनके बयानों को वह कोई महत्व नहीं देते हैं. दरअसल शाह ने कहा था कि समाजवादी नेता जयप्रकाश के शिष्य अब सत्ता की खातिर कांग्रेस की गोद में बैठे हैं.
जदयू नेता ने कहा था कि जिनका नाम आप ले रहे हैं क्या उन्हें पता है कि जेपी का आंदोलन क्यों था? हमने जेपी आंदोलन में अपनी पहचान बनाई थी. मैं उन लोगों को कोई महत्व नहीं देना चाहता, जिनके राजनीतिक करियर की शुरुआत 20 साल पहले हुई थी. नीतीश ने कहा कि हां, ये अलग बात है कि अभी वो सत्ता में हैं और मीडिया में उन्हें बहुत हाईलाइट मिलता है. दिल्ली के सभी अंग्रेजी अखबारों ने मेरे खिलाफ उनके आरोपों को प्रमुखता से छापा है, लेकिन मैं लापरवाह नहीं हो सकता.
जेपी आंदोलन के बारे में मोदी और शाह कुछ नहीं जानते
नीतीश कुमार ने पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर 11 अक्टूबर को कहा था कि दोनों को राजनीति के बारे में कोई जानकारी नहीं है. नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री अपने ही राज्य गुजरात के बारे में कितना जानते हैं जबकि वह 2002 से ही राजनीति में हैं. उस समय उनकी क्या स्थिति थी और उससे पहले वह कहां थे. वह 1974 से राजनीति में सक्रिय हैं.
उन्होंने कहा कि मोदी और शाह को जेपी आंदोलन के बारे में कुछ नहीं पता. वे बेकार की टिप्पणी करते रहते हैं. वह 1974 में हुए जेपी आंदोलन के बारे में बोलना चाहते हैं लेकिन वह इसके बारे में क्या जानते हैं? वह कितने साल के हैं?"