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बिहार की सियासत में उबाल, नीतीश कैंप के चार मंत्रियों को हटा सकते हैं मांझी

बिहार में उठे ताजा सियासी बवंडर के बीच मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बगावती तेवर तेज कर लिए हैं. एक ओर मांझी ने 20 फरवरी को विधायक दल की बैठक बुला ली है तो वहीं दूसरी तरफ सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि मुख्यमंत्री मांझी नीतीश कुमार कैंप के चार मंत्रियों को बर्खास्त कर सकते हैं.

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बिहार में उठे ताजा सियासी बवंडर के बीच मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बगावती तेवर तेज कर लिए हैं. एक ओर मांझी ने 20 फरवरी को विधायक दल की बैठक बुला ली है तो वहीं दूसरी तरफ सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि मुख्यमंत्री मांझी नीतीश कुमार कैंप के चार मंत्रियों को बर्खास्त कर सकते हैं.

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दरअसल पूरा मामला तब शुरू हुआ जब जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने 7 फरवरी को बिहार के सभी मंत्रियों और विधायकों की बैठक बुलाई. शरद यादव के द्वारा बैठक बुलाए जाने का जीतन राम मांझी ने विरोध करते हुए कहा कि ये असंवैधानिक है. हालांकि जीतन राम मांझी को हटाए जाने के विरोध में बिहार सरकार में मंत्री नीतीश मिश्रा और वृषिण पटेल ने भी अपने सुर तेज कर दिए हैं. दोनों ही नेताओं ने शरद यादव की ओर से बुलाई गई इस बैठक में जाने से इनकार कर दिया है.

'मांझी ने विधायकों का दिल जीत लिया है'
नीतीश मिश्रा ने आज तक से खास बातचीत में ये माना कि पार्टी दो फाड़ हो चुकी है. मिश्रा ने कहा, 'विधायक दल को बैठक बुलाने का अधिकार सिर्फ मुख्यमंत्री को है. शरद यादव का विधायक दल की बैठक बुलाना गलत और असंवैधानिक है. पर्दे के पीछे पार्टी के लोग जीतन राम मांझी को अपमानित करने पर तुले हैं.' नीतीश मिश्रा ये भी कहा कि पिछले 8-9 महीने में मुख्यमंत्री ने विधायकों का दिल जीत लिया है.

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फिलहाल इस मामले में आगे की रणनीति बनाने के लिए मुख्यमंत्री आवास पर बैठकों का दौर जारी है. मांझी समर्थक सभी मंत्री और विधायकों का मुख्यमंत्री आवास पहुंचना शुरू हो गया है. नरेंद्र सिंह, वृषिण पटेल, नीतीश मिश्रा, महाचंद्र प्रसाद सिंह, ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानु और सम्राट चौधरी मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के साथ आगे की रणनीति तैयार करने में जुट गए है.

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