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बिहार में सियासी संकट, CM मांझी ने विधानसभा भंग करने की सिफारिश की

बिहार में सियासी संकट गहरा गया है. मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाथी से विधानसभा भंग करने की सिफारिश की है.

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जीतन राम मांझी और नीतीश कुमार
जीतन राम मांझी और नीतीश कुमार

बिहार में सियासी संकट गहरा गया है. मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाथी से विधानसभा भंग करने की सिफारिश की है. दरअसल, मांझी द्वारा बुलाई गई कैबिनेट बैठक में उनके समर्थक मंत्री नरेंद्र सिंह ने विधानसभा भंग करने का प्रस्ताव रखा जिसे नीतीश समर्थक मंत्रियों ने खारिज करने का दावा किया है. विधानसभा भंग करने के प्रस्ताव के समर्थन में 7 मंत्री थे जबकि 22 मंत्रियो ने इसका विरोध किया.

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जिसे ‘मांझी’ समझा वो तो ‘नायक’ निकला

नीतीश कुमार समर्थक मंत्रियों का दावा है कि इस कैबिनेट बैठक में बिहार भंग करने की जो अनुशंसा की गई इसका कोई औचित्य नहीं है. इसके विपक्ष में दो तिहाई मंत्री हैं, वैसे कैबिनेट के मुखिया मांझी ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है.

दूसरी तरफ, पार्टी अध्यक्ष शरद यादव द्वारा बुलाई गई विधायक दल की बैठक शुरू हो चुकी है. इस मीटिंग में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी हिस्सा लेने पहुंचे हैं.

जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी का आरोप है कि बिहार के इस सियासी संकट के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह जिम्मेदार हैं. उन्होंने आज तक से कहा, यह प्रस्ताव खारिज कर दिया गया है. जेडीयू के पास 130 से ज्यादा विधायकों समर्थन है, जिन्हें गवर्नर और राष्ट्रपति के पास परेड कराया जा सकता है. बीजेपी लोकतंत्र का गला घोटने की तैयारी कर रही है. सीएम मांझी मोदी और अमित शाह के इशारे पर काम कर रहे हैं.'

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