बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर बिहार के प्रति नकारात्मक रुख रखने का आरोप लगाया है. मोदी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर बिहार के सीएम ने कहा कि इस सरकार का बिहार के प्रति रुख नाकारात्मक रहा है और उसने कालाधन वापस लाने और मंहगाई को रोकने का जनता से जो वादा किया था उसे अबतक पूरा नहीं किया है.
पटना के एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर जनता दरबार के बाद मोदी सरकार के 100 दिन पर बात करते हुए मांझी ने कहा, 'सरकार के सौ दिन पूरा करने के करीब पहुंचने पर बिहार के प्रति उसकी कोई साकारात्मक सोच या उपलब्धि नहीं दिखी है. चाहे वह बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और विशेष आर्थिक पैकेज की ही बात क्यों न हो. इसके साथ ही केंद्रीय रेल और आम बजट में इस प्रदेश को तवज्जो नहीं दिया गया.' मांझी ने केंद्र पर बिहार को वाजिब हक देने में बाधा उत्पन्न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस सरकार के कार्यकाल में अब तक उन्हें निराशा ही हाथ लगी है.
मुख्यमंत्री ने बिहार की विभिन्न सिंचाई, सड़क, रेल व बिजली से जुड़ी परियोजनाओं के लिए केंद्र से राशि नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए कहा, 'केंद्र की पिछली सरकार (यूपीए) का जो रवैया बिहार के प्रति था वैसा ही आज मोदी के कार्यकाल में भी है. उसमें कोई परिवर्तन नहीं आया है.'
मोदी का तुगलकी फरमान
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मोदी सरकार के अब तक प्रदर्शन के आधार पर उसे 10 में से तीन अंक दिए. मांझी ने कहा, ‘यह सुनने को मिल रहा है कि प्रधानमंत्री ने तानाशाही लागू कर दी है कि उनके मंत्री अपने मन मुताबिक निजी सचिव नहीं रखेंगे. मैं समझाता हूं कि यह तुगलकी फरमान है.' मांझी ने खुद को और प्रधानमंत्री को गरीब लोगों के बीच से आने वाला व्यक्ति बताते हुए कहा कि अभी जो स्थिति है उसमें उनका (प्रधानमंत्री) गरीबों के प्रति जो ध्यान होना चाहिए वैसा नहीं दिखाई पड़ता, क्योंकि आम बजट में किसान और खेतिहर व असंगठित मजदूर के लिए एक भी योजना नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि मोदी ने कालाधन वापस लाने और भ्रष्टाचार को मिटाने की बात कही थी लेकिन उनके ही पार्टी के एक सांसद के घर से हाल ही करोड़ों रुपये बरामद हुए हैं.