बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने ‘महादलितों’ से एकजुट होने का आह्वान करते हुए राजनीतिक शक्ति हासिल करने के लिए एक जाति के रूप में पहचान बनाने को कहा है. बोधगया में छठे रिखियासन मिलन सह अलंकरण समारोह को संबोधित करते हुए मांझी ने कहा, ‘महादलित से लोग घृणा करते रहे हैं. हमें अपनी उपस्थिति एकता के साथ दिखानी होगी. हमें विभिन्न नामों से पुकारा जाता हैं. आप सब आपस में पंचायत बुलाकर प्रयास कर एक नाम रखें.’
उन्होंने अनुसूचित जाति के अंतर्गत आने वाले विभिन्न समुदायों के बारे में कहा कि उन्हें लोग तोड़कर गुलामी एवं मजदूरी कराते रहे हैं. बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने कहा था कि जिसमें राजनीति चेतना होगी, वही आगे बढ़ेगा. उन्होंने कहा, ‘साजिश के तहत हम सब को अलग-अलग रखा गया है. एकजुट होंगे तो शक्ति मिलेगी. राजनीति में भी ऐसा ही होता है. 1933 की जनगणना के अनुसार हमारी आबादी 20 लाख थी. अभी 60 लाख से कम नहीं है. अनुसूचित जाति में हमारी आबादी 50 प्रतिशत है.’
मांझी ने महादलित समुदाय के लोगों से अपील करते की कि वे दारू न पीए. बच्चों की शिक्षा के प्रति सचेत हो जाएं. स्कूल में बच्चों और बच्चियों के लिए वर्दी, पुस्तक, साइकिल एवं छात्रवृत्ति सरकार की तरफ से दी जा रही है. उन्होंने कहा कि विकास मित्रों द्वारा अपने कार्यों में संवेदनशीलता नहीं दिखायी जा रही है, जिस कारण बच्चे अभी विद्यालयों में पहुंचने से वंचित हैं. उन्हें वंचित बच्चों को विद्यालय में लाना होगा. विशेष अंगीभूत योजना के तहत आवासीय विद्यालय खोले जाएंगे.
उन्होंने कहा कि विकास मित्र, टोला मित्र अगर अच्छा काम करेंगे तो उनके मानदेय को बढ़ाया जाएगा. गया जिले में ही बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए मांझी ने कहा कि गया न्यायालय परिसर में जमीन है तो अधिवक्ताओं के लिए सरकार भवन निर्माण के लिए 50 लाख रुपये तुरंत देगी. उन्होंने गया जिला में विजिलेंस अदालत के लिए प्रक्रिया के तहत प्रयास किए जाने का भरोसा दिलाते हुए हाई कोर्ट की पीठ की स्थापना की मांग पर कहा कि राज्य सरकार प्रक्रिया के तहत प्रस्ताव भेजेगी.