बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फेक कॉल प्रकरण में DGP एसके सिंघल को क्लीन चिट दे दी है. दरअसल, खुद को चीफ जस्टिस बताकर फेक कॉल करने वाले शातिर के कहने पर DGP ने IPS अधिकारी आदित्य कुमार का केस खत्म कर दिया था. इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बेचारे डीजीपी रिटायर होने वाले हैं, उनको गलती का अहसास हो गया तो मामले पर ध्यान नहीं देना चाहिए.
दरअसल, पटना हाईकोर्ट का फर्जी चीफ जस्टिस बनकर जालसाज अभिषेक अग्रवाल ने बिहार के DGP एसके सिंघल को फोन कर अपने दोस्त और IPS अधिकारी आदित्य कुमार का केस खत्म करवा लिया था. ये केस ऐसा वैसा नहीं, बल्कि शराबबंदी कानून से जुड़ा हुआ था. जिस कानून को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी गंभीर रहते हैं. इस केस में डीजीपी ने फर्जी चीफ जस्टिस की बात मानकर केस खत्म कर दिया था.
इस मामले में CM नीतीश कुमार ने कहा कि इस बात की जानकारी मिली है कि कोई गलत फोन कर रहा है. ऐसा ही गलत फोन डीजीपी को लग गया था. इसके बाद जांच कराई गई तो पता चला कि फोन करने वाला कोई गड़बड़ आदमी है.
जब मुख्यमंत्री से पूछा गया कि क्या DGP एसके सिंघल पर कोई कार्रवाई होगी, तो उन्होंने कहा कि बेचारे डीजीपी को कोई गलत आदमी का कॉल लग गया था. जब इसकी जांच हुई तो पता चला कि फर्जी आदमी है. कभी कोई गलती हो गई और उसका अहसास उन्हें हो गया तो अब ध्यान नहीं देना चाहिए. इसके साथ ही नीतीश ने कहा कि अरे भाई यह कौन महीना है, यह अक्टूबर है. वह जल्द रिटायर होने वाले हैं. दरअसल, बिहार के डीजीपी एसके सिंघल दिसंबर में रिटायर होने वाले हैं, इसलिए उन पर कोई कार्रवाई नहीं होगी.
वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि DGP एसके सिंघल की भूमिका संदेह के घेरे में है, इसकी जांच CBI से करानी चाहिए. अभी इस मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई कर रही है.
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