नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. जिसके बाद बीजेपी ने नीतीश के समर्थन का ऐलान किया. इस बीच जेडीयू-बीजेपी विधायकों की बैठक के बाद नीतीश कुमार और बीजेपी नेता सुशील मोदी अपने विधायकों के साथ आधी रात को राजभवन पहुंचे और सरकार बनाने का दावा पेश किया. वहीं दूसरी तरफ सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते लालू यादव की पार्टी आरजेडी ने सरकार बनाने का दावा पेश करने का ऐलान किया है. खबरों के अनुसार सुबह 10 बजे ही नीतीश सरकार शपथ ग्रहण करेगी.
बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने रात में राजभवन से निकलने के बाद बताया कि बीजेपी-जेडीयू ने राज्यपाल को 132 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा गया है. उन्होंने बताया कि सुबह 10 बजे नीतीश सरकार शपथग्रहण करेगी. बीजेपी नेता नित्यानंद राय ने बताया कि आज सिर्फ मुख्यमंत्री के पद पर नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री के रूप में सुशील कुमार मोदी शपथग्रहण करेंगे.
बता दें कि बिहार विधानसभा में 243 सीटें हैं, जिनमें में जेडीयू के पास 71 सीटें है और बीजेपी के पास 53 सीटें हैं. अगर इनमें LJP-RSP की 2-2 और 'हम' की एक सीट भी मिला दी जाएं तो सीटों का कुल योग 129 पहुंच जाएगा और बहुमत का आंकड़ा आसानी से हासिल किया जा सकता है. वहीं आरजेडी के पास 80 और कांग्रेस की 27 सीटें हैं. ऐसे में अगर इन दोनों को मिलाकर आंकड़ा 107 तक पहुंचता है, जो बहुमत 15 सीटें कम है.
तेजस्वी के नेतृत्व में मार्च
सरकार के दस बजे शपथग्रहण करने के समाचार से आरजेडी को धक्का लगा है और इससे नाराज तेजस्वी यादव ने राजभवन तक पैदल मार्च करने तथा धरना देने का निर्णय लिया है.आरजेडी और कांग्रेस के विधायकों ने रात करीब सवा दो बजे राजभवन की ओर मार्च शुरू किया.
राज्यपाल से मिलने का माँगा समय।सबसे बड़ा दल होने के नाते करेंगे सरकार बनाने का दावा।BJP के ख़िलाफ़ चुनकर आए जदयू विधायको का भी मिलेगा समर्थन
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 26, 2017
इससे पहले बुधवार शाम राज्यपाल से मिलकर नीतीश कुमार ने अपना इस्तीफा सौंपा. इसी के साथ ही 20 महीने से चल रही महागठबंधन (जेडीयू-कांग्रेस-आरजेडी) की सरकार का अंत हो गया. बीजेपी के समर्थन के ऐलान के बाद गुरुवार को जेपी नड्डा और बीजेपी महासचिव अनिल जैन बिहार में पर्यवेक्षक के तौर पर जाएंगे.
लालू ने नीतीश पर लगाए संगीन आरोप
वहीं नीतीश के इस कदम के बाद आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव भी मीडिया के सामने आए और नीतीश कुमार पर कई संगीन आरोप लगाए. लालू यादव ने नीतीश कुमार पर विभिन्न धाराओं के तहत लगे आरोपों की फेहरिस्त बताई. आरजेडी सुप्रीमो ने कहा, नीतीश कुमार के खिलाफ मर्डर केस दर्ज है, जिसमें उन्हें उम्र कैद की सजा भी हो सकती है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने खुद चुनावी हलफनामे में 302 और 307 की धारा के तहत केस की बात स्वीकारी थी. नीतीश को पता था कि वे बचेंगे नहीं, वह उम्रकैद और फांसी की सजा से डर गए, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया.
इसके साथ ही उन्होंने कहा, नीतीश ने कहा था मिट्टी में मिल जाएंगे, लेकिन बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे. नीतीश और मोदी में सेटिंग है. BJP से समर्थन पर नीतीश ने ना नहीं कहा.
'आरजेडी, जेडीयू कांग्रेस मिलकर चुने नया नेता'
वहीं लालू यादव ने साथ ही कहा कि महागठबंधन अकेले नीतीश कुमार का फैसला नहीं था. उन्होंने कहा, हम बिहार में राष्ट्रपति शासन नहीं चाहते. आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस मिलकर नया नेता चुने. ना तेजस्वी, ना नीतीश कोई तीसरा राज्य का मुख्यमंत्री बने.
वहीं तेजस्वी यादव पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर जेडीयू की तरफ से सार्वजनिक सफाई मांगे जाने के सवाल पर आरजेडी सुप्रीमो ने कहा, जेडीयू कोई थाना नहीं और जेडीयू के प्रवक्ता सीबीआई नहीं हैं. हमने संबंधित जांच एजेंसी को सफाई देने की बात कही थी.
बता दें कि पिछले 15 दिन से बिहार में सियासी खींचतान चल रही थी. लालू यादव के बेटे और बिहार में डिप्टी सीएम तेजस्वी पर करप्शन के आरोपों के चलते विवाद चल रहा था.
इस्तीफे के बाद बोले नीतीश
इस्तीफा देने के बाद नीतीश ने कहा- मैंने महामहिम से मुलाकात कर इस्तीफा सौंप दिया है. हमसे जितना हुआ उतना गठबंधन का धर्म निभाया. जनता के हित में काम किया. लगातार बिहार के लिए काम करने की कोशिश की. जो माहौल था, उसमें काम करना मुश्किल था. हमने तेजस्वी से इस्तीफा नहीं मांगा, लेकिन लालू और तेजस्वी से यही कहा कि जो भी आरोप लगे हैं, उसे साफ करें. स्पष्टीकरण करना बहुत जरूरी है, लेकिन वो भी नहीं हो पा रहा है. तेजस्वी पर आरोपों से गलत धारणा बन रही है. बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष से हमने कहा कि कुछ तो ऐसा करिए जिससे रास्ता निकले, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा था. अंतरात्मा की आवाज के बाद दिया इस्तीफा.
पीएम मोदी ने दी नीतीश को बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महागठबंधन से अलग होने पर नीतीश कुमार को बधाई दी. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में जुड़ने के लिए नीतीश कुमार जी को बहुत-बहुत बधाई. सवा सौ करोड़ नागरिक ईमानदारी का स्वागत और समर्थन कर रहे हैं. देश के, विशेष रूप से बिहार के उज्जवल भविष्य के लिए राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर भ्रष्टाचार के खिलाफ एक होकर लड़ना, आज देश और समय की मांग है. वहीं वरिष्ठ बीजेपी नेता जेपी नड्डा ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि बीजेपी बिहार में मध्यावधि चुनाव नहीं चाहती. इसलिए भविष्य की संभवनाओं पर चर्चा के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठित की है. नीतीश बोले कि इस्तीफे से पहले लालू को बता दिया था. राज्यपाल ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. तेजस्वी अगर इस्तीफा देते तो ऊंचाई पर जाते.
भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ाई में जुड़ने के लिए नीतीश कुमार जी को बहुत-बहुत बधाई।
सवा सौ करोड़ नागरिक ईमानदारी का स्वागत और समर्थन कर रहे हैं
— Narendra Modi (@narendramodi) July 26, 2017
पीएम मोदी के ट्वीट पर नीतीश कुमार ने प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें धन्यवाद कहा है.देश के, विशेष रूप से बिहार के उज्जवल भविष्य के लिए राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ एक होकर लड़ना,आज देश और समय की माँग है
— Narendra Modi (@narendramodi) July 26, 2017
हमने जो निर्णय लिया उसपर माननीय प्रधानमंत्री @narendramodi के ट्वीट के द्वारा दी गई प्रतिक्रिया के लिए उन्हें तहेदिल से धन्यवाद.
— Nitish Kumar (@NitishKumar) July 26, 2017
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नीतीश ने क्यों दिया इस्तीफा?
दरअसल, बुधवार सुबह लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी ने साफ कर दिया था कि नीतीश कुमार ने उनसे इस्तीफा नहीं मांगा है. जिसके बाद नीतीश ने खुद ही इस्तीफा दे दिया.
हमने गठबंधन धर्म का अच्छे से पालन किया: @NitishKumar अपना इस्तीफा सौंपने के बाद #ATVideohttps://t.co/fOz5QPkk43 pic.twitter.com/7vOQbNh5aU
— आज तक (@aajtak) July 26, 2017
केसी त्यागी ने कहा- नीतीश की नीति साफ
जेडीयू के वरिष्ठ नेता और सांसद के.सी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार की नीति भ्रष्टाचार को लेकर बिल्कुल साफ है. अतीत में भी नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार के मामलों में इस्तीफे लेने का काम किया है.
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28 जुलाई को होनी थी बैठक
गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने ये पार्टी विधायकों और नेताओं की ये बैठक 28 जुलाई को बुलाई थी. मगर, आरजेडी का रुख देखते हुए नीतीश ने बुधवार शाम को ही बैठक बुला ली. इससे पहले 11 जुलाई को भी नीतीश कुमार के सरकारी आवास पर जेडीयू की बैठक बुलाई गई थी. उस बैठक में इस बात की मांग उठी थी कि तेजस्वी यादव, जिनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं, उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए.
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