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बिहार: मानव श्रृंखला का रिकॉर्ड बनाने की तैयारी, 13654 किमी होगी लंबाई

दहेज प्रथा और बाल विवाह से होने वाली हानि से आम बिहारियों में जागृति लाने के लिए 21 जनवरी, 2018 को पूरे बिहार में राज्य सरकार ने मानव श्रृंखला का आयोजन किया है.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

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बिहार 21 जनवरी को एक बार फिर इतिहास बनाने जा रहा है. दहेज और बाल विवाह के खिलाफ सबसे लंबी मानव श्रृंखला बनाने का रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है. शराबबंदी के समर्थन में बिहार में बनी मानव श्रृंखला ने दुनिया को नया संदेश दिया था. इस मानव श्रृंखला ने विश्व रिकॉर्ड बनाकर अपना उत्साह दिखाया था. उसी प्रकार बाल विवाह और दहेज-प्रथा के खिलाफ बिहार एक बार फिर हाथ से हाथ मिलाकर पूरी दुनिया को एक नया संदेश देने के लिए तैयार है.

दहेज प्रथा और बाल विवाह से होने वाली हानि से आम बिहारियों में जागृति लाने के लिए 21 जनवरी, 2018 को पूरे बिहार में राज्य सरकार ने मानव श्रृंखला का आयोजन किया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मानव श्रृंखला में तमाम बिहार के लोगों से भाग लेने की अपील की है.

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पिछले साल 21 जनवरी को शराबबंदी के पक्ष में लगभग 4 करोड़ लोगों ने हाथ से हाथ मिलाकर 11,292 किमी लंबी मानव श्रृंखला का निर्माण कर एक इतिहास रच दिया था. उसी तरीके से इस बार भी तैयारी की गई है, जिसमें सूबे के सभी जिलों को मिलाकर 13654.37 किमी लंबी मानव श्रृंखला बनेगी.

इसके अलावा जन जागृति के लिए जो जन जागरण अभियान चलाए जा रहे हैं उसमें बाल विवाह एवं दहेज उन्मुलन संबंधी 8,55,595 नारे कुछ दिनों पहले तक लिखे गए थे. जो अब बढ़कर 16 लाख से उपर हो गए हैं. लिखे गए नारों में सबसे आगे मधुबनी में 1,83,000, औरंगाबाद में 55,000, खगड़िया में 52920, बांका में 47862 तथा समस्तीपुर में 43068 नारे जन जागरुकता फैला रहे हैं.

मानव श्रृंखला को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है. दोपहर 12 बजे से शुरू होकर 3 बजे तक मानव श्रृंखला का आयोजन किया जाएगा. मानव श्रृंखला की निगरानी सभी 38 जिलों में ड्रोन कैमरे के द्वारा होगी. साथ ही सेटेलाइट से भी इसकी तस्वीरें ली जाएंगी. इस बार करीब 6 करोड़ लोगों के इसमें शामिल होने का दावा राज्य सरकार कर रही है. हालांकि इस बार पटना हाईकोर्ट ने मानव श्रृंखला में बच्चों और शिक्षकों को जबरदस्ती शामिल होने की आनिवार्यता को समाप्त कर दिया है. जो बच्चे या शिक्षक स्वेच्छा से इसमें भाग लेना चाहते हैं वो ले सकते हैं.  

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इस बार विपक्षी दलों का सहयोग मानव श्रृंखला को नहीं मिल रहा है. पिछले साल विपक्ष में रही बीजेपी ने शराबबंदी के खिलाफ मानव श्रृंखला में शामिल होकर इस विषय पर सरकार के साथ एकजुटता दिखाई थी. लेकिन इस बार की विपक्षी दल आरजेडी और कांग्रेस की तरफ से इस तरह के कोई संकेत नही हैं, जबकि पिछली बार की मानव श्रृंखला में दोनों पार्टियां सत्ताधारी दल में शामिल थीं.

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