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बिहारः बाढ़ पीड़ितों को 6000 मुआवजा, फिल्म विवाद पर सुशील मोदी ने दी सफाई

नीतीश कुमार ने बाढ़ प्रभावित परिवारों के खाते में सहायता राशि भेजने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा. राहत निधि के 6000 रुपये सीधे प्रत्येक बाढ़ प्रभावित परिवार के बैंक खातों में जमा होंगे.

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बिहार में बाढ़
बिहार में बाढ़

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बिहार में मौजूदा बाढ़ की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को अधिकारियों के साथ बैठक की. सचिवालय में हुई इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए नीतीश कुमार ने बाढ़ प्रभावित परिवारों के खाते में सहायता राशि भेजने की प्रक्रिया शुरू करने कहा है. दूसरी तरफ उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने फिल्म विवाद पर सफाई दी है.

मुख्यमंत्री ने राहत निधि के 6000 रुपये सीधे प्रत्येक बाढ़ प्रभावित परिवार के बैंक खातों में जमा करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने प्रभावितों की हर संभव सहायता का निर्देश दिया. वहीं सुपर 30 फिल्म देखने जाने के कारण आलोचना झेल रहे उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने विवाद पर सफाई दी है.

सुपर 30 में काम करने वाले बाल कलाकारों को पटना में पुरस्कृत करने के बाद उन्होंने कहा कि सुपर 30 फिल्म बिहार की पृष्ठभूमि पर बनी है. इसलिए इसे सबका देखना जरूरी था. यह फिल्म हम न देखते तो बिहार का अपमान होता. इस फिल्म से बिहार का मान सम्मान बढा हैं.

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उन्होंने कहा कि मुझे यह फिल्म देखने के कारण गालियां पड़ रही हैं. कहा जा रहा है कि बिहार बाढ़ में डूबा है और डिप्टी सीएम फिल्म देख रहे हैं. डिप्टी सीएम ने कहा कि बाढ़ को लेकर सरकार गंभीर है.  सरकार अपना काम कर रही है. राहत और बचाव का कार्य चल रहा है.

भीषण बाढ़ की चपेट में है सूबा

बिहार भीषण बाढ़ की चपेट में है और त्राहिमाम कर रहा है, गांव के गांव बाढ़ में डूब चुके हैं. सूबे के दर्जन भर जिलों में बाढ़ की स्थिति भयावह बनी हुई है, जिससे लगभग 50 लाख की आबादी प्रभावित है. बाढ़ ने बिहार को पूरी तरह से बेहाल कर दिया है, वहीं मरने वालों का आंकड़ा 80 के पार पहुंच चुकी है.

राज्य में हर तरफ तबाही की तस्वीर नजर आ रही है, घरों में पानी भरा हुआ है और गांव टापू में तब्दील हो चुके हैं. शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया के हालात बेहद खराब हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बाढ़ प्रभावित 12 जिलों में  137 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जहां 1,14,721 लोग शरण लिए हुए हैं. उनके खाने की व्यवस्था के लिए 1,116 सामुदायिक रसोई चलाई जा रही है.

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